कक्षा 9 के छात्र अब किताबें खोलकर दे सकेंगे एग्जाम, CBSE 2026-27 से शुरू करेगा ओपन बुक असेसमेंट

सीबीएसई का ओपन-बुक असेसमेंट फॉर्मेट भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषयों को कवर करेगा. इस दौरान छात्र टेक्‍स्‍ट बुक, क्‍लास नोट्स और अन्‍य स्‍वीकृत रिसोर्सेज का संदर्भ ले सकते हैं.

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  • CBSE ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 9 के छात्रों के लिए ओपन-बुक असेसमेंट शुरू करने का निर्णय लिया है.
  • ओपन-बुक असेसमेंट में छात्र टेक्स्टबुक, कक्षा नोट्स और अन्य स्वीकृत संसाधनों का संदर्भ ले सकेंगे.
  • फॉर्मेट भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषयों को कवर करेगा और स्कूलों के लिए वैकल्पिक होगा.
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नई दिल्‍ली :

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 9 के छात्रों के लिए ओपन-बुक असेसमेंट (open-book assessments) शुरू करने का फैसला किया है. सीबीएसई के इस निर्णय के लागू होने के बाद कक्षा 9 के छात्र किताब खोलकर के परीक्षा दे सकें. बोर्ड की गवर्निंग बॉडी ने जून में स्वीकृत इस निर्णय को स्कूलों में एक पायलट स्‍टडी के बाद मंजूरी दी गई है. इस कदम का उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (National Curriculum Framework for School Education) 2023 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के अनुरूप, रटने की आदत से हटकर योग्यता-आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना है. 

सीबीएसई का ओपन-बुक असेसमेंट फॉर्मेट भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषयों को कवर करेगा. इस दौरान छात्र टेक्‍स्‍ट बुक, क्‍लास नोट्स और अन्‍य स्‍वीकृत रिसोर्सेज का संदर्भ ले सकते हैं.

स्‍कूलों के लिए होगा ऑप्‍शनल

सीबीएसई इसके लिए दिशा निर्देश जारी करेगा, लेकिन स्कूलों के लिए इस फॉर्मेट को अपनाना ऑप्‍शनल होगा. असेसमेंट हर शैक्षणिक सत्र में होने वाली तीन पेन-पेपर टेस्‍ट का हिस्सा होगा. 

यह प्रपोजल दिसंबर 2023 में स्वीकृत एक पायलट प्रोजेक्ट के बाद आया है, जिसमें कक्षा 9 से 12 तक ओपन-बुक एग्‍जाम  का परीक्षण किया गया था. इसमें छात्रों का प्रदर्शन 12 प्रतिशत से 47 प्रतिशत के बीच रहा, जो रिसोर्सेज के प्रभावी उपयोग और इंटरडिसिप्लिनरी कांसेप्‍ट को समझने में चुनौतियों का संकेत देता है.

अध्ययन के दौरान काम पूरा होने में लगने वाले समय और हितधारकों की प्रतिक्रिया जैसे फैक्‍टर का मूल्यांकन किया गया. परीक्षण में शामिल शिक्षक ओपन-बुक परीक्षाओं को लेकर आशावादी थे. 
 

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