CBSE और NCB का समझौता: स्कूलों को 'नशा मुक्त' बनाने का लिया संकल्प

इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य स्कूलों को नशा मुक्त वातावरण प्रदान करना और छात्रों के बीच नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करना है.

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हर तीन महीने पर स्कूलों में नशा मुक्ति से संबंधित विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

नई दिल्ली : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने आज नई दिल्ली के द्वारका स्थित सीबीएसई मुख्यालय में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य स्कूलों को नशा मुक्त वातावरण प्रदान करना और छात्रों के बीच नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करना है.

इस अवसर पर, सीबीएसई के चेयरपर्सन राहुल सिंह और एनसीबी के महानिदेशक अनुराग गर्ग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता और एनसीबी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस पहल को सफल बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई.

CBSE का स्कूलों को सख्त निर्देश, स्टूडेंट्स की जानकारी को 100 प्रतिशत सही रखें

एनसीबी के डीजी अनुराग गर्ग ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि "शैक्षणिक संस्थान नशे के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं." उन्होंने बताया कि इस समझौते के तहत स्कूलों में विशेष जागरूकता अभियान, कार्यशालाएं और परामर्श कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि छात्रों को नशे के खतरों से दूर रखा जा सके.

सीबीएसई चेयरपर्सन राहुल सिंह ने कहा, "हमारा ध्यान बच्चों की अकादमिक उत्कृष्टता के साथ-साथ उनकी सेहत और सुरक्षा पर भी समान रूप से केंद्रित है." उन्होंने आश्वासन दिया कि स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों को सही जानकारी और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे बच्चों को नशे से दूर रखने में प्रभावी भूमिका निभा सकें.

वहीं, सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने भी इस पहल को समय की मांग बताया. उन्होंने बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सहयोगी माहौल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए 'टेली-मानस' जैसे सरकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि समय पर हस्तक्षेप से बच्चों को नशे के खतरे से बचाया जा सकता है.

समझौते के प्रमुख कदम
  • हर तीन महीने पर स्कूलों में नशा मुक्ति से संबंधित विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
  • शिक्षकों और स्कूल परामर्शदाताओं को नशे की पहचान, रोकथाम और प्रबंधन के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से सशक्त किया जाएगा.
  • छात्रों और अभिभावकों के लिए ऑनलाइन शैक्षिक मॉड्यूल और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
  • स्कूलों के माध्यम से व्यापक सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि पूरे समुदाय को इस अभियान से जोड़ा जा सके.
पायलट प्रोजेक्ट 

शुरुआत में, इस पहल को 100 सीबीएसई स्कूलों में एक पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया जाएगा.फिर पूरे देश के सीबीएसई स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.

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'नशे से बचाव' पर ज्ञानवर्धक सत्र:

समझौते के ठीक बाद, "नशे से बचाव" पर एक बड़ा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें देश भर से 500 से अधिक प्रधानाचार्यों, परामर्शदाताओं और वेलनेस शिक्षकों ने भाग लिया. कार्यक्रम में दो विशेष सत्र हुए-

  • "लीडरशिप फॉर एम्पावरिंग द स्कूल इकोसिस्टम" (श्री आशुतोष अग्निहोत्री, IAS, CMD, FCI द्वारा): श्री अग्निहोत्री ने समझाया कि कैसे मजबूत नेतृत्व स्कूलों को सामाजिक चुनौतियों का सामना करने और बच्चों को एक स्वस्थ भविष्य प्रदान करने में मदद कर सकता है.
  • "Refuse the First Dose, Secure the Future" (डॉ. अनीस सी., डिप्टी डायरेक्टर, NCB द्वारा): डॉ. अनीस सी. ने नशे से बचाव के व्यावहारिक उपायों, खुले संवाद की अहमियत और परिवार, दोस्तों व स्कूल की संयुक्त जिम्मेदारी पर जोर दिया.

यह साझेदारी दिखाती है कि सीबीएसई और एनसीबी दोनों ही मिलकर बच्चों को नशे से दूर रखने और उन्हें बेहतर जिंदगी की ओर ले जाने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं.

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