CBSE 10th Board Exam: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की तरफ से बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल कई दिन पहले जारी किया जा चुका है. इसी बीच बताया गया कि इस बार 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो बार आयोजित की जाएंगीं. पहली परीक्षा मार्च में और इसके बाद मई में दूसरी परीक्षा का आयोजन होगा. न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत पहली बार ये दो परीक्षाएं होंगीं. अब इसे लेकर छात्रों के मन में कई तरह के सवाल हैं, जिनमें एक ये भी है कि क्या पहली परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले छात्रों को दूसरी बोर्ड परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा? आइए जानते हैं कि दो बोर्ड परीक्षाओं के जरूरी नियम क्या हैं.
क्यों करवाई जा रही हैं दो बोर्ड परीक्षाएं?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि CBSE दो बार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन क्यों करवा रहा है. दरअसल नई शिक्षा नीति में छात्रों के हितों को देखते हुए ये फैसला लिया गया था, जिसमें ये तय हुआ कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो बार आयोजित होगी. जिन छात्रों को तैयारी करने का मौका नहीं मिलता है या फिर जो किसी वजह से परीक्षा में कम नंबर लाते हैं, उन्हें दूसरी बार अच्छा प्रदर्शन करने का मौका दिया जा रहा है. अगर दूसरी परीक्षा में रिजल्ट बेहतर रहता है तो उसी को फाइनल रिजल्ट माना जाएगा.
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पहली बोर्ड परीक्षा नहीं देने पर क्या होगा?
बोर्ड की तरफ से पहले ही इस सवाल का जवाब दे दिया गया था, जिसमें साफ किया गया है कि पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है. जिन छात्रों ने पहली बोर्ड परीक्षा में तीन से ज्यादा विषयों की परीक्षा नहीं दी होगी, उन्हें दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिलेगा. यानी पहली परीक्षा के रिजल्ट को बेहतर करने के मौके के तौर पर ही दूसरी परीक्षा होगी. प्रैक्टिकल और इंटरनल असिसमेंट सिर्फ एक ही बार होंगे.
कब तक आएगा रिजल्ट?
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की तरफ से बताया गया था कि मार्च में 10वीं की मुख्य बोर्ड परीक्षा के बाद अप्रैल में इसका रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. इसके करीब 10 से 15 दिन बाद दूसरे बोर्ड एग्जाम के लिए विंडो खुल जाएगी. मई में इस दूसरी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और जून में रिजल्ट जारी होगा. हालांकि दोनों में से जिस भी परीक्षा में ज्यादा अंक आएंगे, उसी को रिजल्ट के तौर पर मार्कशीट में लिखा जाएगा.