UGC NET में जोड़ा गया आयुर्वेद जीवविज्ञान, अभ्यर्थियों को होंगे ढेरों फ़ायदे

माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक अकाउंट से किए गए पोस्ट में UGC ने बताया कि आयुर्वेद जीवविज्ञान को NET के विषयों में जोड़ने का निर्णय UGC की 581वीं बैठक के दौरान 25 जून, 2024 को लिया गया था.

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UGC NET दिसंबर, 2024 में शामिल होगा आयुर्वेद जीवविज्ञान का सिलेबस
नई दिल्ली:

University Grants Commission, यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या UGC ने भारत की पारम्परिक विद्याओं का प्रसार करने और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य से अहम कदम उठाते हुए 'आयुर्वेद जीवविज्ञान', यानी Ayurveda Biology को नए विषय के तौर पर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा, यानी NET में शामिल कर दिया है.

एक्सपर्ट कमेटी ने की थी आयुर्वेद जीवविज्ञान को शामिल करने की सिफ़ारिश

माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक अकाउंट से किए गए पोस्ट में UGC ने बताया कि आयुर्वेद जीवविज्ञान को NET के विषयों में जोड़ने का निर्णय UGC की 581वीं बैठक के दौरान 25 जून, 2024 को लिया गया था. इससे पहले, विशेषज्ञ समिति, यानी एक्सपर्ट कमेटी ने आयुर्वेद जीवविज्ञान को नए विषय के रूप में NET में शामिल करने की सिफ़ारिश की थी.

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NTA आयोजित करती है UGC NET परीक्षा

UGC की NET परीक्षा को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी, यानी National Testing Agency या NTA द्वारा आयोजित किया जाता है. NET परीक्षा के ज़रिये हाल ही तक भारतीय यूनिवर्सिटियों में जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप या JRF चुनने और असिस्टेंट प्रोफ़ेसरों की बहाली की पात्रता जांचने का काम किया जाता था, लेकिन अब पीएच.डी. में दाखिले के लिए भी NET का उपयोग किया जाने लगा है.

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UGC NET दिसंबर, 2024 में शामिल होगा आयुर्वेद जीवविज्ञान का सिलेबस

नए विषय के रूप में आयुर्वेद जीवविज्ञान को NET में जोड़े जाने के बाद विषय का पाठ्यक्रम, यानी सिलेबस UGC NET दिसंबर, 2024 में शामिल कर दिया जाएगा. UGC के इस कदम से आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध और शिक्षा का दायरा विस्तारित होगा. फिलहाल आयुर्वेद जीवविज्ञान का पाठ्यक्रम UGC NET की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है.

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आयुर्वेद जीवविज्ञान के क्षेत्र में होंगे ढेरों फ़ायदे

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत की पारम्परिक विद्याओं को शामिल करने की दिशा में उठाए गए इस अहम कदम से न सिर्फ़ ज़्यादा विद्यार्थी आयुर्वेद तथा उससे जुड़े विषयों की ओर आकर्षित होंगे, बल्कि शोध और नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा. UGC NET परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न शोध संस्थानों से शोध करने, और विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में आयुर्वेद जीवविज्ञान पढ़ाने के अवसर प्राप्त होंगे, तथा UGC के इस कदम से आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनियों, आयुर्वेदिक चिकित्सालयों (अस्पतालों) तथा रिसर्च संस्थानों में भी रोज़गार के अवसर निर्मित होंगे.

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