बंद अवैध मदरसों के छात्रों को यहां लेना होगा एडमिशन, मदरसा शिक्षा बोर्ड ने कही ये बात

अवैध मदरसों में नामांकित बच्चों को बोर्ड ने संबंधित जिलाधिकारियों (डीएम) से इन छात्रों को मान्यता प्राप्त मदरसों में स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने का आग्रह किया.

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नई दिल्ली:

Uttarakhand Madrasa:उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड ने शनिवार को उन अवैध मदरसों में नामांकित बच्चों के भविष्य पर चिंता व्यक्त की, जिन्हें बोर्ड से संबद्ध न होने के कारण राज्य सरकार ने बंद कर दिया है. बोर्ड ने संबंधित जिलाधिकारियों (डीएम) से इन छात्रों को मान्यता प्राप्त मदरसों में स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने का आग्रह किया. उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस संबंध में जल्द ही उन सभी जिलों के जिलाधिकारियों को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा जहां ऐसे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

100 अवैध मदरसे बिनादस्तावेजों के बिना चलाए जा रहे थे

उन्होंने कहा, "हम इस मामले को लेकर संवेदनशील हैं. हालांकि अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई उचित है, लेकिन ऐसे मदरसों में नामांकित बच्चों का भविष्य प्रभावित नहीं होना चाहिए. हम एक-दो दिन में जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर उनसे अनुरोध करेंगे कि वे ऐसे बच्चों को राज्य के मान्यता प्राप्त मदरसों में स्थानांतरित करें, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो." राज्य सरकार द्वारा चलाए गए सत्यापन अभियान में पाया गया कि पांच जिलों (देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और उधम सिंह नगर) में लगभग 100 अवैध मदरसे बिना उचित दस्तावेजों के चलाए जा रहे थे, जिसके बाद उन्हें सील कर दिया गया.

467 कानूनी मदरसे हैं

उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार की कार्रवाई से ज्यादा छात्र प्रभावित नहीं हुए हैं, क्योंकि अवैध मदरसों में जाने वाले बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने अवैध मदरसों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि इनके संचालकों को नियमों का पालन करना चाहिए और इन्हें वैध बनाना चाहिए.

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कासमी ने कहा, "बोर्ड ने हाल ही में 49 मदरसों को मान्यता दी है और 47 अन्य की संबद्धता का नवीनीकरण किया है. बोर्ड के साथ मदरसों की संबद्धता के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है. मदरसा संचालकों को अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए और वैधता प्राप्त करने के लिए आगे आने में संकोच नहीं करना चाहिए." कासमी ने बताया कि राज्य में बोर्ड से संबद्ध 467 कानूनी मदरसे हैं, जहां लगभग 46,000 छात्र पढ़ते हैं.

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