NEET 2024 Exam and Dharmendra Pradhan's Statement: इस साल नीट परीक्षा विवादों में है. नीट यूजी परीक्षा 2024 और नीट रिजल्ट को लेकर सरकार और नीट आयोजित करने वाली संस्था पर धांधली का आरोप लगाया जा रहा है. लोगों सड़कों पर उतर नीट यूजी 2024 परीक्षा फिर से कराई जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं जिन बच्चों ने यह परीक्षा पास की है, वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आश्वासन दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दलील के मद्देनजर नीट में शामिल होने वाले किसी भी छात्र को कोई नुकसान नहीं होगा. केंद्र ने गुरुवार को शीर्ष अदालत को बताया कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 1563 नीट यूजी 2024 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने का फैसला रद्द कर दिया गया है. इन छात्रों को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा.
नीट परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया है, जिसमें 67 उम्मीदवारों को 720 में से 720 अंक मिले, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व था. नीट यूजी 2024 रिजल्ट में 720 में 720 अंक पाने वाले छह स्टूडेंट हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र के थे. इससे नीट रिजल्ट 2024 में अनियमितताओं का संदेह हुआ और उम्मीदवारों ने एनटीए पर सवाल उठाया और गहन जांच की मांग की. हालांकि, धर्मेंद्र प्रधान ने एनटीए के खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है.
केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं और परीक्षण एजेंसी एक विश्वसनीय संस्था है. 24 लाख छात्र परीक्षा में बैठते हैं. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और यह मामला करीब 1500 छात्रों से जुड़ा है. सरकार कोर्ट को जवाब देने के लिए तैयार है. इस खास मुद्दे पर विचार किया जा रहा है और शिक्षाविदों की एक समिति बनाई गई है. सरकार इसे कोर्ट के सामने रखेगी. पेपर लीक के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने आश्वासन दिया कि सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक होने और 1,500 से अधिक उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने जैसे आरोपों के कारण विरोध प्रदर्शन हुए और सात उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में मामले दायर किए गए. एनटीए ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया और कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय के नुकसान के चलते उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, जो छात्रों के उच्च अंक प्राप्त करने के पीछे कारण हैं.