College Admission 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के सीयूईटी यूजी रिजल्ट 2024 की घोषणा के साथ ही कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट कोर्सों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) ने एक बड़ा ऐलान किया किया है. यूजीसी ने कहा कि अगर किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सीयूईटी स्कोर के जरिए अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेंज की सीटें खाली रह जाती हैं तो यूनिवर्सिटी अपनी प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर सकता है. हालांकि सीयूईटी स्कोर एडमिशन के लिए प्राइमरी क्राइटेरिया बना रहेगा. यूजीसी ने कहा कि अगर सीयूईटी स्कोर से सीटें नहीं भरी जाती है तो इसका यह मतलब नहीं कि पूरे साल सीटें खाली रहेंगी. यूजीसी द्वारा जारी एसओपी के अनुसार जो स्टूडेंट सीयूईटी परीक्षा के लिए तो उपस्थित हुए थे, लेकिन उन्होंने पहले संबंधित यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाई नहीं किया था, उनके एडमिशन पर भी विचार किया जा सकता है.
आवेदन किया हो या नहीं उनका भी एडमिशन होगा
यूजीसी चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा, "कुछ सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तीन या चार दौर की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए सीटें खाली रखना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि इससे सेंट्रल यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक कई छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ता है." उन्होंने कहा, "इसलिए यूनिवर्सिटी को अपनी खाली सीटों को भरने के लिए, एसओपी तैयार किए गए हैं. जो छात्र सीयूईटी में उपस्थित हुए थे, लेकिन उन्होंने पहले पाठ्यक्रमों या प्रोग्रामों के लिए संबंधित यूनिवर्सिटी में आवेदन किया हो या नहीं किया हो, उन पर भी विचार किया जा सकता है."
यूनिवर्सिटी प्रवेश के नियमों में ढील देंगे
यूजीसी ने यह भी सुझाव दिया कि सीयूईटी परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों पर विचार किया जा सकता है, भले ही उन्होंने किसी और डोमेन विषय के पेपर में भाग लिया हो. यूनिवर्सिटी किसी विशेष पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए डोमेन विषय-विशिष्ट मानदंडों में ढील दे सकता है. अगर कॉलेजों की सीटें सीयूईटी में उपस्थित होने वाले स्टूडेंट की लिस्ट खत्म हो जाने के बाद भी खाली रह जाती है तो यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर सकता है या फिर संबंधित विभाग स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित कर सकता है.