अब यह सरकार भी देगी कक्षा 11वीं, 12वीं के छात्रों को NEET, JEE की फ्री कोचिंग, ऑनलाइन होंगी Classes

Free NEET, JEE coaching: उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशक रघुराम आर अय्यर ने बुधवार को नीट, जेईई की कोचिंग के लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्लस-टू कॉलेजों के प्रिंसिपल को एक पत्र लिखा है. 

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कक्षा 11वीं, 12वीं के छात्रों को NEET, JEE की फ्री कोचिंग
नई दिल्ली:

Free online NEET, JEE coaching: देश में नीट, जेईई परीक्षा का बड़ा क्रेज है. देश में इन परीक्षाओं को बड़ी प्रवेश परीक्षा होने का तमगा प्राप्त है, क्योंकि हर साल 20 से 30 लाख बच्चे नीट (NEET) यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट और जेईई  (JEE) यानी ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में भाग लेते हैं. देश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए नीट और देश के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों, आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश के लिए जेईई परीक्षा का आयोजन किया जाता है. साइंस स्ट्रीम के साथ कक्षा 11वीं से भी इन परीक्षाओं की तैयारियों में जुट जाते हैं. इसे देखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को मुफ्त नीट और जेईई कोचिंग देने का फैसला किया है. ओडिशा के बच्चे को नीट और जेईई की यह कोचिंग ऑनलाइन मोड में दी जाएगी. उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य के प्लस-टू कॉलेजों को इस उद्देश्य के लिए स्मार्ट टीवी सेट और इंटरैक्टिव पैनल लगाने का निर्देश दिया है. 

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उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशक रघुराम आर अय्यर ने बुधवार को नीट, जेईई की कोचिंग के लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सभी प्रिंसिपलों को स्मार्ट टीवी या इंटरैक्टिव पैनल लगाने के लिए एक पत्र लिखा है.  

इस पत्र में, रघुराम ने कहा, "सरकारी, गैर-सरकारी और सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे नीट और जेईई स्टूडेंट को उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कोचिंग देने का निर्णय लिया गया है." 

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पत्र में कहा गया है, क्लासेस पूरी तरह से आभासी यानी ऑनलाइन होगी. इसलिए एचएसएस स्तर पर एक इंटरैक्टिव पैनल/स्मार्ट टीवी के साथ एक स्मार्ट क्लासरूम की जरूरत होगी. बता दें कि कई उच्च माध्यमिक विद्यालयों को योजना एवं समन्वय विभाग से सीएम-एसए के तहत स्मार्ट कक्षाओं के लिए सहायता प्राप्त हुई है. इस पत्र में कहा गया है कि यदि किसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को धन नहीं मिला है, तो उन्हें मौजूदा वित्त विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार एसएएमएस खाते/एचएसएस विकास निधि से उपलब्ध धन का उपयोग करने की अनुमति है. 

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