दिल्ली की सुहानी चौहान को मिला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, सौर ऊर्जा से चलने वाला "SO-APT" कृषि वाहन बनाया

दिल्ली की सुहानी चौहान को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है. उन्हें सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि वाहन को विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया है. वह बच्चों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिल्ली से एकमात्र छात्रा हैं. 

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नई दिल्ली:

Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar: दिल्ली में पुष्प विहार स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा सुहानी चौहान को छोटे किसानों के लिए एक यूनिक सौर-संचालित कृषि-वाहन "सो-एप्ट" बनाया है, जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सुहानी को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह पुरस्कार दिया. वह इनोवेशन के लिए एकमात्र प्राप्तकर्ता हैं और बच्चों के लिए इस सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए दिल्ली से एकमात्र छात्रा हैं. बता दें कि यह पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को बहादुरी, कला और संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल के लिए सात श्रेणियों में उनकी उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं. 

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सो-एप्ट (So-Apt) छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ कृषि उपयोग के लिए एक बहुक्रियाशील सौर ऊर्जा चालित वाहन है. वाहन का उपयोग बीज बोने, छिड़काव, सिंचाई, गड्ढा खोदने और विभिन्न अन्य कृषि आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है. अपने इनोवेशन के बारे में बोलते हुए, सुहानी ने कहा कि यदि भारत में उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टरों में से केवल 1% भी उनकी तकनीक का उपयोग करेंगे, तो सालाना 1,800 करोड़ रुपये के डीजल की बचत होगी. प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन की बचत लगभग 272,000 मीट्रिक टन CO2 होगी, जिसका कार्बन क्रेडिट में मूल्य लगभग 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 84 करोड़ रुपये) प्रति वर्ष है. जब किसान खेत में इसका उपयोग नहीं कर रहे हों तो वे वाहन पर लगे सौर पैनलों का उपयोग अन्य उपकरणों को बिजली देने के लिए भी कर सकते हैं या अपने द्वारा पैदा किए गए अधिशेष को बेच भी सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी जी से मिलने पर, सुहानी रोमांचित हो गई जब प्रधान मंत्री ने प्रधान मंत्री सूर्योदय योजना के बारे में पूछा जो उन्होंने एक करोड़ घरों पर सौर पैनल लगाने के लिए एक दिन पहले शुरू की थी और इसकी विस्तृत जानकारी दी. गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दिनों से ही सौर ऊर्जा की क्षमता के प्रति उनका जुनून था. "प्रधानमंत्री यह भी चाहते हैं कि मकान मालिक पैसे कमाने के लिए अपनी छत पर लगे सौर पैनलों से अतिरिक्त ऊर्जा बेच सकें, ठीक उसी तरह जैसे मैं चाहती हूं कि किसान मेरे कृषि-वाहन का उपयोग करें!"

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सुहानी ने कहा, “मैं उस हस्ताक्षरित घड़ी, किताब और टैबलेट को हमेशा याद रखूंगी जो मोदीजी ने हममें से प्रत्येक को व्यक्तिगत रूप से उपहार में दिया था. हमें बताया गया कि अब हम केवल अपने परिवार के नहीं, बल्कि देश के हैं और हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश और समाज की मदद के लिए कड़ी मेहनत करें.” 

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अपनी उपलब्धि पर अत्यधिक आभार और खुशी व्यक्त करते हुए, सुहानी चौहान ने कहा, “मैं माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करके बेहद सम्मानित और विनम्र महसूस कर रही हूं और यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था. मैं इस विचार पर तब से काम कर रही हूं जब मैं 8वीं कक्षा में थी, जब मैं स्कूल ट्रीप पर एक खेत में गई थी. छोटे किसानों की दुर्दशा देखकर और उनमें से कई से बात करने पर, मुझे एहसास हुआ कि कम लागत वाला, पर्यावरण-अनुकूल और बहु-उपकरण वाला कृषि-वाहन उनके लिए परिवर्तनकारी हो सकता है." मैं मंत्री स्मृति ईरानी जी का भी बेहद आभारी हूं, जिन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं के साथ इतना समय बिताया और हमारा इतना ख्याल रखा."

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भविष्य के बारे में, सुहानी ने कहा कि वह अपने इनोवेशन को और विकसित करने और पूरे भारत में छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए वाहनों का उत्पादन करने के लिए विनिर्माण कंपनियों के साथ चर्चा कर रही हैं, क्योंकि कृषि हमारे देश की रीढ़ है.

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