School reopen in Delhi: स्कूल तैयार हैं बच्चों के स्वागत के लिए, सोमवार से खुलेंगे नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल

School reopen in Delhi: दिल्ली में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल खुल रहे हैं. स्कूलों ने छात्रों के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली है, हालांकि अभी भी कुछ अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर आशंकित हैं.

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दिल्ली में सोमवार से खुलेंगे नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल.
नई दिल्ली:

School reopen in Delhi: दिल्ली में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल खुल रहे हैं. स्कूलों ने छात्रों के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली है, हालांकि अभी भी कुछ अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर आशंकित हैं. कोविड-19 के कारण राजधानी में लंबे समय तक बंद रहने के बाद नौंवी से 12वीं तक की कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल सोमवार यानी 7 फरवरी से खोल दिए गए हैं, वहीं 14 फरवरी से नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल रहे हैं.

रोहिणी में श्री राम वंडर इयर्स स्कूल की प्रमुख शुभी सोनी ने कहा कि हम चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को फिर से खोल रहे हैं. माता-पिता से टेक्स्ट मैसेज और ई-मेल के माध्यम से बातचीत हो रही है. मौसम का ध्यान रखते हुए बच्चों को कक्षाओं से बाहर हवादार जगह पर सीखाने की योजना बना रहे हैं. इसके साथ ही कैंपस में आउटडोर गेम्स, ग्रास मोटर और दूसरे खेलों को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं.

बता दें कि केंद्र ने अपने दिशानिर्देशों से छात्रों को शारीरिक रूप से स्कूलों में उपस्थित होने के लिए अनिवार्य माता-पिता की सहमति के खंड को हटा दिया है और इसे राज्यों पर छोड़ दिया है. हालांकि दिल्ली सरकार ने इसे जारी रखने का फैसला किया है. नए दिशानर्देशों में 50 प्रतिशत छात्र संख्या की सीमा को नहीं रखा गया है और स्कूल अपने बुनियादी ढांचे के आधार पर छात्रों की संख्या तय करने के लिए स्वतंत्र हैं.

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एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि जूनियर कक्षाओं के माता-पिता अभी भी आशंकित हैं. हमने सहमति प्रपत्र भेजे, लेकिन प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं है. हम अब माता-पिता की चिंताओं को कम करने के लिए परामर्श सत्र आयोजित करने की योजना बना रहे हैं."

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दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सभी प्रवेश और निकास द्वारों का उपयोग करना, लंच ब्रेक, थर्मल स्कैनर और परिसर की सफाई करना जैसे दिशानिर्देश दिए हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि बच्चे एक जगह एकत्रित न हो. भीड़ से बचने के लिए प्रार्थना सभा अलग-अलग कराई जाएगी. लंच का समय भी अलग-अलग होगा. इसके साथ ही छात्रों को इस नए माहौल में छुलने-मिलने के लिए गाइडेंस और काउंसलिंग कराई जाएगी. शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिया है कि शिक्षक बच्चों को इमोशनल सपोर्ट दें. उनसे बातें करें और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से पढ़ने-लिखने के लिए तैयार करें.  

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