उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दिव्यांग छात्रों की पहुंच सुगम बनाने के लिए आठ सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश तैयार हो जाएं. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने यूजीसी के वकील की इस दलील पर गौर किया कि शीर्ष अदालत के निर्देश पर ही एक समिति का गठन किया गया है, जो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दिव्यांग छात्रों की पहुंच सुगम बनाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर गौर करेगी.
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यूजीसी की ओर से पेश मनोज रंजन सिन्हा ने शुरुआत में कहा कि अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश की जा चुकी है और आयोग को कोरोना वायरस की मौजूदा स्थितियों के मद्देनजर दिशानिर्देश तैयार करने में कम से कम आठ सप्ताह और लगेंगे. इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख मुकर्रर की. वर्ष 2017 में शीर्ष अदालत ने कहा था कि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थियों की पहुंच सुगम बनाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने को लेकर यूजीसी समिति के गठन की संभाव्यता तलाशेगा. शीर्ष अदालत ‘डिसेबल्ड राइट ग्रुप' की रिट याचिका की सुनवाई कर रही थी.