Republic Day 2022 : गणतंत्र दिवस का महत्व और इस दिन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Republic Day 2022 :1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर आयोजित किया जा रहा है. राजपथ को कभी भारत के तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में किंग्सवे के नाम से जाना जाता था.

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गणतंत्र दिवस परेड भारत के राष्ट्रपति के आगमन के बाद शुरू होता है
नई दिल्ली:

Republic Day 2022 : भारत ने औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद 26 जनवरी 1950 को अपने स्वयं के संविधान के साथ खुद को सशक्त बनाया। इस साल यानी 26 जनवरी को भारत 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र तो हो गया था लेकिन इसका अपना कोई स्थायी संविधान नहीं था। दो सप्ताह बाद 29 अगस्त 1947 को एक मसौदा समिति नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया गया. डॉ बी आर अम्बेडकर की अध्यक्षता वाली मसौदा समिति को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था।
इस समिति का प्रथम अधिवेशन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था, जिसके बाद दो वर्ष तक संविधान के मसौदे पर बहस और विचार-विमर्श के लिए कई दौर के सत्र हुए. मसौदा समिति का अंतिम सत्र 26 नवंबर 1949 को समाप्त हुआ और उसी दिन संविधान को अपनाया गया। हालांकि दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को यह प्रभाव में आया. मसौदा समिति में शुरुआत में 389 सदस्य शामिल थे लेकिन भारत की आजादी और विभाजन के बाद सदस्यों की संख्या 299 हो गई थी.

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Republic Day Interesting Facts)
1.1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान तक आयोजित किया जाता था.
2. बता दें कि 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर आयोजित किया जा रहा है. राजपथ को कभी भारत के तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में किंग्सवे के नाम से जाना जाता था. देश को आजादी मिलने के बाद इस सड़क का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया, जिसका हिंदी में मतलब किंग्स वे भी होता है.
3. प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में किसी दूसरे देश के नेता को आमंत्रित किया जाता है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे.
4. गणतंत्र दिवस परेड भारत के राष्ट्रपति के आगमन के बाद शुरू होता है. राष्ट्रपति अपनी विशेष कार से, विशेष घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ आते हैं. इसके बाद राष्ट्रपति झंड़ा फहराते हैं, राष्ट्रगान बजाया जाता है, 21 तोपों की सलामी दी जाती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है.
5. गणतंत्र दिवस की परेड़ में भाग लेने वाले सेना के प्रत्येक सदस्य की जांच की जाती है. सेना के प्रत्येक सदस्य को चार परतों से गुजरना होता है साथ ही उनके हथियारों का भी निरीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास जिंदा गोलियां तो नहीं हैं.

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