गुजरात: निजी स्कूल फीस नहीं देने पर करेंगे अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई, छात्रों को नहीं देंगे ऑनलाइन क्लास

गुजरात के लगभग 15,000 स्व-वित्तपोषित स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने फैसला किया है कि उन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा नहीं दी जाएगी जिनके अभिभावकों ने जून से फीस नहीं जमा कराई है तथा निकट भविष्य में भुगतान करने की उनकी इच्छा नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

गुजरात के लगभग 15,000 स्व-वित्तपोषित स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने फैसला किया है कि उन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा नहीं दी जाएगी जिनके अभिभावकों ने जून से फीस नहीं जमा कराई है तथा निकट भविष्य में भुगतान करने की उनकी इच्छा नहीं है. संगठन के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. गुजरात स्व-वित्तपोषित स्कूल प्रबंधन संघ के उपाध्यक्ष जतिन भरद ने कहा कि अगर ऐसे अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें स्कूल प्रबंधन से मुलाकात करनी चाहिए.

भरद ने सोमवार को राजकोट में संवाददाताओं से कहा, ‘निजी स्कूलों ने उन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा नहीं देने का फैसला किया है जिनके अभिभावकों ने पिछले छह महीनों से फीस का भुगतान नहीं किया है और घोषित कर दी है कि वे भविष्य में भी फीस का भुगतान नहीं करेंगे. अगर ऐसे अभिभावक 15 दिसंबर तक स्कूल प्रबंधन से भेंट नहीं करते हैं तो उनके बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा बंद कर दी जाएगी.''

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के एक प्रस्ताव के अनुसार, अगर अभिभावक फीस का भुगतान करने में अभी असमर्थ हैं तो उन्हें स्कूलों को ज्ञापन देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे अभिभावक भी हैं जो जून से न तो स्कूल आए हैं और न ही स्कूल से किए गए फोन कॉल का उन्होंने जवाब दिया.

ऑल गुजरात पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश शाह ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि वह छात्रों और अभिभावकों की ओर से राज्य सरकार से संपर्क कर हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे.

निजी स्कूलों के फैसले की आलोचना होने के बाद में भरद ने स्पष्ट किया, "हम अभिभावकों को फीस का भुगतान करने के लिए नहीं कह रहे हैं. इस फैसले का उन बच्चों पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिनके अभिभावकों ने देर से फीस जमा करने के संबंध में हमें जानकारी दी है. कई महीनों तक कोई फीस नहीं जमा करने के बावजूद हमने पहले ही ऐसे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति दे दी है.''

 उन्होंने कहा कि यह फैसला उन 5-7 प्रतिशत अभिभावकों पर लागू होता है, जिन्होंने न तो फीस का भुगतान किया है और न ही वे भविष्य में फीस जमा करने के इच्छुक हैं और न ही उन्होंने किसी राहत के लिए स्कूलों से संपर्क किया है. कुछ अभिभावकों ने कहा है कि वे पूरे साल फीस का भुगतान नहीं करेंगे. यह फैसला ऐसे अभिभावकों के लिए है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Canada Temple Attack: खालिस्तानी पुलिसकर्मी Harinder Sohi के बारे में Exclusive जानकारी
Topics mentioned in this article