पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न (Bharat Ratna) दिया गया है. देश उन्हें 13वें राष्ट्रपति और राजनेता के रूप में जानता है. प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खास लोगों में से एक रहे हैं. राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने कांग्रेस की सरकार में कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं, जिनमें वित्त मंत्रालय सहित कई अहम पद शामिल हैं. उनका संसदीय करियर करीब पांच दशक पुराना है, जो 1969 में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में से शुरू हुआ. प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से राज्यसभा सदस्य के लिए चुने गये. 1973 में वे औद्योगिक विकास विभाग के केंद्रीय उप मंत्री के रूप में मंत्रीमण्डल में शामिल हुए. वह सन 1982 से 1984 तक कई कैबिनेट पदों के लिए चुने जाते रहे और और सन 1984 में भारत के वित्त मंत्री बने. एक सर्वेक्षण के अनुसार, साल 1984 में प्रणव मुखर्जी दुनिया के पांच सर्वोत्तम वित्त मंत्रियों में से एक थे. वित्त मंत्री के रूप में प्रणव के कार्यकाल के दौरान डॉ॰ मनमोहन सिंह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से 10 जुड़ी बातें
1. प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का जन्म 11 दिसंबर 1935 बीरभूम जिले के मिरती गांव में 11 दिसंबर, 1935 को हुआ था.
2. उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी देश के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहे और 1952 से 1964 के बीच बंगाल विधायी परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि रहे. उनकी मां का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था.
3. कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ साथ कानून की डिग्री हासिल की है. वे एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक भी रह चुके हैं. उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी प्राप्त है. उन्होंने पहले एक कॉलेज प्राध्यापक के रूप में और बाद में एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया.
4. प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का 13 जुलाई 1957 को सुभ्रा मुखर्जी से विवाह हुआ था. उनके दो बेटे और एक बेटी है.
5. प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक सफर 1969 में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में (उच्च सदन) शुरू हुआ था.
6. सन 1984 में वह भारत के वित्त मंत्री बने. सन 1984 में, यूरोमनी पत्रिका के एक सर्वेक्षण में वह दुनिया के पांच सर्वोत्तम वित्त मंत्रियों में शामिल थे.
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7. प्रणब मुखर्जी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव के बाद राजीव गांधी की समर्थक मंडली के षड्यन्त्र के शिकार हुए जिसने इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने दिया. कुछ समय के लिए उन्हें कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया. उस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक दल राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया, लेकिन सन 1989 में राजीव गांधी के साथ समझौता होने के बाद उन्होंने अपने दल का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया.
8. पी.वी. नरसिंह राव ने उन्हें योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में और बाद में एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के तौर पर नियुक्त करने का फैसला किया. उन्होंने राव के मंत्रिमंडल में 1995 से 1996 तक पहली बार विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया. 1997 में उन्हें उत्कृष्ट सांसद चुना गया.
9. मनमोहन सिंह की दूसरी सरकार में मुखर्जी भारत के वित्त मंत्री बने. इस पद पर वे पहले 1980 के दशक में भी काम कर चुके थे. 6 जुलाई 2009 को उन्होंने सरकार का वार्षिक बजट पेश किया.
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10. प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे हैं.
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