IGNOU Convocation 2025: इग्नू यानी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) आज, 5 मार्च को 38वां दीक्षांत मना रहा है. यह कार्यक्रम नई दिल्ली के बाबासाहेब अंबेडकर कन्वेंशन सेंटर सहित भारत और विदेशों में क्षेत्रीय केंद्रों पर भी आयोजित किया जा रहा है. इस समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. समारोह के दौरान इग्नू स्नातक करने वाले छात्रों को करीब 2.8 लाख डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र दिए गएं. इस मौके पर NDTV ने इग्नू की कार्यवाहक कुलपति प्रोफ़ेसर उमा कांजीलाल से खास बातचीत की है. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि इग्नू से अब एआई (AI) की मदद से 300 से ज्यादा कोर्स किए जा सकेंगे, वो भी क्षेत्रीय भाषाओं में. यही नहीं इग्नू स्टूडेंट को डिग्री करने के लिए अब पूरे सात साल का समय देगा. अगर कोई स्टूडेंट बीच में ही डिग्री की पढ़ाई छोड़ देता है तो भी उसे निराश नहीं होना पड़ेगा.
AI की मदद से 300 से ज्यादा कोर्स
इग्नू की कार्यवाहक कुलपति प्रोफ़ेसर उमा कांजीलाल ने बताया कि अब इग्नू से एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से 300 से ज्यादा कोर्स किए जा सकते हैं. वो भी 13 क्षेत्रीय भाषाओं में. अगले साल तक इग्नू में इसके लिए क्षेत्रीय भाषाओं में कोर्स और अध्ययन सामग्री होगी. उन्होंने कहा कि इग्नू के ज्यादातर पाठ्यक्रम हिन्दी और अंग्रेजी में है लेकिन अब एआई (AI) की मदद से मलयालम, उड़िया, बांग्ला समेत 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कई कोर्स होंगे. ये कोर्स आने वाले छह महीने में शुरू किए जाएंगे.
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7 साल में कभी भी डिग्री
उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत अगर कोई स्टूडेंट पढ़ाई स्नातक बीच में ही छोड़ देता है तो उसका क्रेडिट A,B,C के तौर पर रहेगा. अगर एक साल बाद छोड़ता है तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा, दो साल बाद छोड़ता है तो डिप्लोमा लेकर जाएगा. सात साल के भीतर स्टूडेंट कभी भी अपनी डिग्री पूरा कर सकते हैं.