NEET PG 2023: देश में नीट पीजी को लेकर केंद्र सरकार का एक अहम फैसला आया है. नीट पीजी कटऑफ को घटाकर जीरों कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को बुधवार को सभी श्रेणियों में नीट पीजी 2023 के लिए क्वालीफाइंग पर्सेंटाइल के लिए कटऑफ को ''जीरो" करने का निर्देश दिया है. इससे पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत मिली है. वहीं लाखों छात्र नीट पीजी क्वालीफाइंग पर्सेंट के जीरों होने के मतलब को समझना चाहते हैं. तो आपको बता दें कि इसका मतलब है कि नीट पीजी काउंसलिंग में अब सभी छात्र भाग ले सकेंगे. नीट पीजी परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र भी अब बची हुई सीटों के काउंसलिंग में भाग ले सकेंगे. परीक्षा में कम पर्सेंटाइल लाने के बावजूद ये छात्र चॉइस फाइलिंग वाले ऑप्शन में अपनी पसंद के कॉलेज चॉइस को भर सकेंगे और एमडी, एमएस कोर्सों में दाखिले ले सकेंगे.
केंद्र सरकार के फैसले का यह तर्क दिया जा रहा है कि हर साल लगभग तीन हजार नीट पीजी सीटें खाली रह जाती हैं. इसलिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्रालय से नीट पीजी पर्सेंटाइल को 50 से 30 करने का अनुरोध किया था. ताकि जो सीटें खाली रह जाती हैं, उसे स्टूडेंट चुन सकें.
NEET PG कटऑफ को शून्य करना नीट की साजिश को उजागर करता है: उदयनिधि स्टालिन
बता दें कि नीट पीजी को 2017 में शुरू किया गया था, ताकि मेरिट के हिसाब से स्टूडेंट को देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिला मिले सकें और कोई पैसे से इन सीटों को न खरीद सकें.
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एमबीबीएस कर चुके लाखों छात्र सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं वहीं कई लोगों ने इस फैसले को बुरा कहा है. कुछ लोगों ने इस दिन को 'मेडिकल फ्रटर्निटी के लिए ब्लैक डे' बताते हुए कहा कि इससे निजी मेडिकल कॉलेजों में भ्रष्टाचार और ऊंची फीस को बढ़ावा मिलेगा. वहीं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा नीट पीजी में काउंसलिंग के लिए अनिवार्य 'क्वालिफाइंग परसेंटाइल' को घटाकर शून्य कर देना इस राष्ट्रीय परीक्षा की साजिश को उजागर करता है.