JEE Main 2025 Result and NTA Credibility: जेईई मेन 2025 सत्र 1 का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है, जिसमें राजस्थान के आयुष सिंघल (Ayush Singhal) ने टॉप किया है, दूसरे नंबर पर कर्नाटक के कुशाग्र गुप्ता (Kushagra Gupta) और तीसरे नंबर पर दिल्ली के दक्ष (Daksh) का एनटीए स्कोर 100 रहा है. वहीं जेईई मेन रिजल्ट को लेकर एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर एक बार फिर से आरोप लग रहे हैं. दरअसल एनटीए ने त्रुटियों के कारण जेईई मेन 2025 फाइनल आंसर-की से 12 प्रश्नों को हटा लिया है, जो अब तक के इतिहास में सबसे अधिक है. ऐसे में एनटीए की निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा आयोजित करने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं.
प्रश्नों की कुल संख्या 90 से घटाकर 75 करने के बावजूद, त्रुटि दर बढ़कर 1.6% हो गई, जो ऐतिहासिक 0.6% से लिमिट से कहीं अधिक है. एनटीए की पारदर्शिता की कमी है, हटाए गए प्रश्नों की संख्या के बारे में इसके दावों में असंगतता है, जिससे "अंडर-रिपोर्टिंग" का संदेह पैदा होता है. एनटीए के महानिदेशक पी एस खारोला ने टाइम्स ऑफ इंडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया. शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए से एक जवाब भेजा है जिसमें पाठ्यक्रम विसंगति की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया है, जिससे इसकी जवाबदेही के बारे में संदेह गहरा गया है.
सत्र 1 में हटाए गएं 12 प्रश्न
एनटीए ने दावा किया कि 2023, 2024 और 2025 के सत्र 1 में छह प्रश्न हटाए गए थे, लेकिन 2025 की आंसर-की में 12 हटाए गए प्रश्न सूचीबद्ध हैं. टीओआई के विश्लेषण में पाया गया कि 2023 के सत्र 1 में पांच प्रश्न हटाए गए थे, जबकि 2022 के सत्र 1 और 2 में क्रमशः चार और छह प्रश्न हटाए गए थे. फरवरी और मार्च 2021 की परीक्षाओं में कोई प्रश्न नहीं हटाया गय.। इसके बावजूद, एजेंसी ने अपना बचाव करते हुए कहा, "इस साल की रिकॉर्ड-कम चुनौती दर और न्यूनतम त्रुटियां देश भर में इंजीनियरिंग उम्मीदवारों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और त्रुटि-मुक्त परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए NTA की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं."
फिजिक्स में पूछे गए गलत सवाल, अनुवाद भी गलत
शिक्षकों और छात्रों ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "जेईई जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में, जहां छात्रों का भविष्य दांव पर लगा होता है, ऐसी अक्षमता अस्वीकार्य है." त्रुटियों के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई, जैसे कि 22वीं शिफ्ट 2 के पेपर से लॉजिक गेट प्रश्न को अमान्य घोषित करके हटा दिया गया. फिजिक्स के प्रश्नों में भी त्रुटियां थीं, जबकि अनुवाद में असंगतियां और मार्किंग मिस्टेक्स बनी रहीं.
विशेषज्ञ की राय में जेईई मेन 2025 सत्र 1 की परीक्षा में भाषा अनुवाद में विसंगतियां परीक्षा प्रक्रिया में विश्वास को और कम करती हैं. फाइनल आंसर-की में दो अनुवाद गलत थें, जिससे छात्रों में भ्रम पैदा हुआ. गलत उत्तरों को बाद में सही के रूप में चिह्नित किया गया, जिससे अतिरिक्त विसंगतियां पैदा हुईं. हिंदी और गुजराती में उत्तर देने वाले छात्रों के पास दो उत्तर विकल्प थे, जबकि अन्य के पास केवल एक था, जिससे निष्पक्षता को लेकर चिंताएं बढ़ गईं. पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों को शामिल करने से एनटीए की विश्वसनीयता पर भरोसा और कम हुआ.
सिलेबस से बाहर के प्रश्न थे
एनटीए के एक अच्छी तरह से संरचित परीक्षा के आश्वासन के बावजूद, छात्रों को पाठ्यक्रम से बाहर के कई विषयों का सामना करना पड़ा. "उदाहरण के लिए, सालों पहले पाठ्यक्रम से हटाए गए कार्नोट चक्र से पेपर में सवाल थे. इसी तरह, पिछले दो सालों से छोड़े गए न्यूटनस लॉ ऑफ कूलिंग से परीक्षा में 22 प्रश्न पूछे गएं. पाठ्यक्रम और वास्तविक परीक्षा सामग्री के बीच इस बेमेल ने छात्रों की परेशानी को और बढ़ा दिया. जेईई मेन में प्रश्नों के गलत होने पर एक शिक्षक ने कहा, "हमें इस साल बिना त्रुटियों और अप्रासंगिक प्रश्नों के बेहतर पेपर की उम्मीद थी. इसके बजाय, हमें पूरी तरह से गड़बड़ मिली."
छात्रों का समय हुआ बर्बाद
जेईई मेन 2025 में गलत सवाल के पीछे छात्रों का बहुत सारा समय बर्बाद हुआ. कुछ छात्रों का 10-15 मिनट समय इसमें बर्बाद हुआ, जिससे प्रदर्शन और रैंकिंग प्रभावित हुई. एक छात्र ने कहा कि यह केवल गलत प्रश्नों को छोड़ने के बारे में नहीं, बल्कि छात्रों द्वारा उन पर बर्बाद किए गए समय के बारे में है. यह छात्रों के साथ अन्याय है.
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पिछले साल हुआ था बवाल
एनटीए को पिछले साल नीट यूजी और यूजीसी नेट सहित विभिन्न परीक्षाओं के कुप्रबंधन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था. उसपर पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे. एनटीए के पिछली असफलताओं को देखते हुए जेईई मेन 2025 में सुधार के साथ किसी भी तरह की गड़बड़ी न होने की उम्मीद थीं. राधाकृष्णन समिति की सिफारिशों के बावजूद जेईई मेन को हाई स्टेक्स परीक्षा के रूप में वर्गीकृत करने के बावजूद, एजेंसी ने अपनी गलतियों को दोहराया है.