बिहार सरकार ने टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए, जिसके तहत टाटा टेक्नोलॉजी (Tata Technology) राज्य भर के लगभग 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) में बदल देगी. श्रम संसाधन विकास मंत्री जिबेश कुमार की उपस्थिति में पटना में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस परियोजना में 4606 करोड़ रुपये के कुल व्यय पर 149 आईटीआई के उन्नयन की परिकल्पना की गई है.
एक विज्ञप्ति के अनुसार पहले चरण में इस साल सितंबर तक 60 केंद्रों को सीओई में अपग्रेड किया जाएगा, जबकि शेष 89 पर काम जून 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी उद्योग भागीदारों के साथ 298 प्रशिक्षण कर्मियों को भी तैनात करेगी और उन्नत उपकरणों की सुविधा प्रदान करेगी.
मंत्री ने इस अवसर पर कहा, ‘‘आईटीआई का उत्कृष्ट केंद्रों में परिवर्तन राज्य के प्रौद्योगिकी परिदृश्य को बदल देगा और युवाओं के लिए बेहतर कौशल और रोजगार के अवसर पैदा करेगा. उद्योग और विनिर्माण के लिए स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने के इच्छुक निवेशकों के लिए राज्य एक संभावित निवेश गंतव्य बन जाएगा.''
उन्होंने कहा कि ये उत्कृष्टता केंद्र 23 नए तकनीकी रूप से उन्नत व्यापार पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेंगे, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन, रोबोटिक्स, डिजिटल विनिर्माण, एलओटी ऑटोमेशन और कारीगरी जैसी कुछ नवीनतम तकनीकों को शामिल किया जाएगा. अपग्रेड के बाद छात्र प्रौद्योगिकी अथवा ओईएम प्रदाताओं से कई प्रमाणपत्रों की अपेक्षा कर सकते हैं. सभी ट्रेडों में सीओई द्वारा प्रदान किए गए प्रमाणन के अलावा उनके लिए बेहतर रोजगार के अवसर पैदा होते हैं.
टाटा टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक और सीईओ वॉरेन हैरिस ने कहा, ‘‘बिहार सरकार के साथ इस सहयोग के माध्यम से हम भविष्य के लिए तैयार पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए अपने विनिर्माण कार्यक्षेत्र ज्ञान और डिजिटल इंजीनियरिंग विशेषज्ञता का लाभ उठाएंगे, जो उत्कृष्टता केंद्रों में छात्रों को अपनी क्षमताओं को विकसित करने की अनुमति देता है. नवीनतम उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकी में और तेजी से बदलते पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बनें.''
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