सुप्रीम कोर्ट ने आज CBSE, CISCE 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के निर्देश की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की गई. CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 3 जून तक टाल दी गई है.
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा, 'आप कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन याचिकाकर्ता चाहते हैं कि पिछले साल अपनाई गई नीति इस साल अपनाई जा सकती है.अगर सरकार पिछले साल की तरह परीकषा फैसले से हट रही है तो ठोस कारण बताएं.
वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमें गुरुवार तक का समय दिया जाए. जिसके बाद सरकार अंतिम फैसला लेगी. वहीं SC SC का कहना है कि अगर सरकार परीक्षा रद्द नहीं कर रही है, तो सरकार को ठोस कारण बताना चाहिए'
आपको बता दें, अगर 12वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाता है सरकार के पास दो ऑप्शन है, इस ऑप्शन के माध्यम से परीक्षा का पैटर्न ऐसा हो सकता है. आइए जानते हैं इन ऑप्शन के बारे में.
सरकार के पास है 2 ऑप्शन
23 मई को मोदी सरकार के कई हाई-प्रोफाइल मंत्रियों के बीच 12वीं परीक्षा को लेकर हुई मीटिंग हुई थी. इस वर्चूअल डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने 12वीं की परीक्षा के आयोजन पर अपनी राय रखी थी, लेकिन ये मीटिंग किसी आम सहमति के समाप्त हुई है. जहां कई राज्य परीक्षा करवाने के पक्ष में नहीं है.
आपको बता दें, 12वीं और एंट्रेंस परीक्षा को लेकर हुई डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार के दो प्रस्ताव रखें, वहीं CBSE ने 12वीं की परीक्षा के लिए दो ऑप्शन का प्रस्ताव रखा है, जिसके साथ CBSE ने कहा कि राज्य बोर्डों को अपना निर्णय लेने की अनुमति है.
पहला ऑप्शन
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पहला ऑप्शन दिया है कि वह केवल प्रमुख विषयों के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाए.बोर्ड 12वीं के174 विषय में परीक्षा का आयोजन करता है, जिनमें से लगभग 20 विषय ऐसे है जो CBSE की ओर से महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय शामिल हैं.
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दूसरा ऑप्शन
दूसरे ऑप्शन के तहत, जिसमें केवल 45 दिन लगेंगे, सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 12वीं के छात्र महत्वपूर्ण विषय की परीक्षा में अपने स्कूलों में बैठें (सेल्फ सेंटर) में दे सकते हैं.
CBSE ने कहा, 12वीं की परीक्षाएं छात्रों के स्कूलों में ही आयोजित की जाती है तो 3 घंटे की बजाए परीक्षाएं 1.5 घंटे की हों. साथ ही स्कूल में ही कॉपियां चेक की जाएं.
अगर ये दूसरे ऑप्शन के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया जाए तो प्रश्न पत्र में ऑब्जेक्टिव और शॉर्ट टर्म प्रश्न ही पूछे जाने चाहिए. वैकल्पिक विषयों में प्रदर्शन के आधार पर पांचवें और छठे विषयों के अंक तय किए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार, CBSE 12वीं की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. परीक्षा का आयोजन किस फॉर्मेट में कब और कैसे होगा, इसके बारे में जानकारी शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 1 जून को देंगे. वहीं 1 जून को 12वीं CBSE परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया जाएगा.