Happy Teachers’ Day 2020 : शिक्षक दिवस के खास मौके पर जानिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 अनमोल विचार

Teachers Day 2020: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day)  मनाया जाता है.

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Teachers' Day 2020: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
नई दिल्ली:

Teachers Day 2020: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day 2020)  मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म 5 सितंबर 1888 को थिरुथानी, तमिलनाडु में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति थे. उन्हें 1954 में भारत रत्न से नवाजा गया था. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया था. राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे. डॉ राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे. उनका मानना था कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए. आज हम आपको राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर उनके 10 ऐसे विचारों के बारें में बता रहे हैं, जो आपको जीवन में प्रेरणा देंगे.

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ये हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

- ज्ञान के माध्यम से हमें शक्ति मिलती है. प्रेम के जरिये हमें परिपूर्णता मिलती है.

- पुस्तकें वह माध्यम हैं, जिनके जरिये विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण किया जा सकता है.

- शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें.

- किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है.

- शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है.

-  शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए.

- हमें तकनीकी ज्ञान के अलावा आत्मा की महानता को प्राप्त करना भी जरूरी है.

-  शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लड़ सके.

-  कोई भी आजादी तब तक सच्ची नहीं होती है, जब तक उसे पाने वाले लोगों को विचारों को व्यक्त करने की आजादी न दी जाये.
- भगवान की पूजा नहीं होती, बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैं

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