स्कूली शिक्षा के लिए बनाया जा रहा है नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम, साल के अंत तक होगा पेश, इन विषयों पर होगा जोर

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिता करवाल ने कहा कि ‘‘ हम नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा विकसित करने की प्रक्रिया में है. इस विषय पर जाने माने वैज्ञानिक डॉ. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक समिति गहन विचार विमर्श कर रही है.’’

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नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे में भारत से जुड़ी जानकारी को महत्व दिया जाएगा
नई दिल्ली:

शिक्षा मंत्रालय इस साल के अंत तक ‘स्कूली शिक्षा के लिए नया एवं व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा' पेश कर सकता है. जिसमें भारत से जुड़ी जानकारी, बच्चों में वैज्ञानिक सोच एवं 21वीं सदी के कौशल विकास आदि पर जोर दिया जाएगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिता करवाल ने ‘स्टार्टअप भारत नवाचार सप्ताह' पर आयोजित एक कार्यक्रम में ये जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘ हम नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा विकसित करने की प्रक्रिया में है. इस विषय पर जाने माने वैज्ञानिक डॉ. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक समिति गहन विचार विमर्श कर रही है.''

करवाल ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक हम ‘स्कूली शिक्षा के लिये नया एवं व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा' पेश कर सकते हैं. '' उन्होंने कहा कि नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे में भारत से जुड़ी जानकारी को महत्व दिया जाएगा जिसमें खास तौर पर सामाजिक समस्याओं का उल्लेख होगा.

उन्होंने बताया कि इसके तहत बचपन से ही बच्चों में वैज्ञानिक सोच के विकास पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने बताया ‘‘ बच्चों में गणना संबंधी सोच विकसिक करने पर जोर दिया जाएगा. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि केवल गणितीय ज्ञान पर जोर होगा बल्कि तर्क करने की क्षमता के विकास पर ध्यान दिया जाएगा. इसमें बच्चों में नागरिक गुणों के बोध संबंधी तत्वों को महत्व दिया जाएगा. जिसमें मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार से जुड़े आयाम शामिल होंगे. साथ ही 21वीं सदी के कौशल के विकास को भी तवज्जो दी जाएगी. ''

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गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने पिछले वर्ष वरिष्ठ वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया था. समिति को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम की नई रूपरेखा तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था.

करवाल ने 21वीं सदी के कौशल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2019 में सबसे पहले कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) को कौशल शिक्षा से जोड़ा था और इसे पठन पाठन में शामिल किया था. उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग सामाजिक क्षेत्रों एवं समस्याओं के समाधान के लिए होना चाहिए. स्कूली शिक्षा सचिव ने स्कूल नवाचार दूत कार्यक्रम शुरू किये जाने का भी उल्लेख किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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