CBSE New syllabus 2025: बदल गया सीबीएसई 10वीं, 12वीं का सिलेबस, जानिए क्या बदला और क्या नहीं

CBSE ने अगले सेशन के लिए नया सिलेबस जारी किया है, जिसमें पढ़ाने से लेकर एग्जाम शेड्यूल और मार्किंग स्कीम को लेकर भी जानकारी दी है.

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नई दिल्ली:

CBSE New Syllabus 2025: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने  10वीं, 12वीं शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए नया सिलेबस जारी किया  है. CBSE के इस नए सिलेबस में शैक्षणिक सामग्री,  सीखने के परिणामों और CBSE बोर्ड परीक्षा 2026 के लिए सिलेबस में दिशा-निर्देश शामिल हैं. CBSE बोर्ड ने CBSE 10वीं के छात्रों के लिए दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने, योग्यता-आधारित प्रश्नों को बढ़ाने और रीचेकिंग प्रक्रिया में सुधार सहित एक बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है.

साल में दो बार होंगी केवल 10वीं की परीक्षा

CBSE कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा 2026 शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से साल में दो बार - फरवरी और अप्रैल में आयोजित की जाएगी. हालांकि, CBSE कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाएं साल में केवल एक बार आयोजित की जाएंगी. इसके अलावा, बोर्ड ने यह भी घोषणा की कि CBSE  12वीं बोर्ड परीक्षा 2026 अगले साल 17 फरवरी से शुरू होगी और उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं में लगभग 20 लाख छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है.

टीचरों को भी बदलना होगा पढ़ाने का तरीका

बोर्ड ने स्कूलों को निर्धारित सीबीएसई सिलेबस के अनुसार ही विषयों को पढ़ाने का निर्देश दिया है, जिसमें “छात्रों की वैचारिक समझ और अनुप्रयोग को बढ़ाने के लिए अनुभवात्मक शिक्षण, योग्यता-आधारित मूल्यांकन और दृष्टिकोण को एकीकृत करना” शामिल है. इसके अलावा, इसने शिक्षकों से “ प्रोजेक्ट आधारित टीचिंग , सवाल- जवाब जैसी पढ़ाई और टेक्नोलॉजी की समझ को महत्व देने को कहा है.

ग्रेडिंग सिस्टम

सीबीएसई 10 के नंबरों अनुरूप ग्रेड 9-पॉइंट ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर किए जाएंगे. सीबीएसई  10वीं की बोर्ड परीक्षा सभी विषयों में कुल 80 नंबरों के लिए आयोजित की जाएगी, सिवाय अनिवार्य विषयों के, जिनमें आंतरिक मूल्यांकन के 20 नंबर शामिल होंगे.

पासिंग मार्क्स में क्या होगा बदलाव

छात्रों को पास होने के लिए इन सभी विषयों में कुल 33 प्रतिशत नंबर लाने होंगे. सीबीएसई ने कहा कि तीन विषयों - कंप्यूटर एप्लीकेशन (कोड 165), इफोरमेंशन टेक्नोलॉजी (कोड 402) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कोड 417) में से केवल एक ही पेश किया जा सकता है, उन्होंने कहा कि छात्रों को कक्षा 9 या 10 में दो भाषाओं में से एक के रूप में अंग्रेजी या हिंदी चुनना अनिवार्य है.

यदि कोई छात्र तीन विषयों - विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान, या किसी भाषा के पेपर में फेल हो जाता है, लेकिन स्किल्ड विषय या छठे ऑप्शनल विषय के रूप में चुने गए भाषा के पेपर में पास होता है, तो मार्क्स इवैल्यूएशन के समय योग्य कौशल या भाषा विषय द्वारा विषय को बदल दिया जाएगा.

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