केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा गठित समिति द्वारा बारहवीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए सुझाव दिया जाना अभी बाकी है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी.
वैकल्पिक मूल्यांकन प्रक्रिया पर सुझाव देने के लिए गठित 13 सदस्यीय समिति को सोमवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन अब इसमें कुछ और दिन लग सकते हैं.
एक सूत्र ने कहा, “समिति ने अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. पारदर्शी और निष्पक्ष मानदंडों को अपनाने पर बहुत सी चर्चाएं हो चुकी हैं. अंतिम सुझाव जल्दी ही पेश किए जाएंगे.”
सूत्र ने कहा, “समिति के अधिकतर सदस्य कक्षा 10वीं और 11वीं में प्राप्त अंकों को महत्व देने और 12वीं के प्री बोर्ड तथा आंतरिक परीक्षाओं को आधार बनाने के पक्ष में हैं. हालांकि, अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है और कुछ दिनों में रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.”
उच्चतम न्यायालय ने 12वीं कक्षा के लिए निष्पक्ष मानदंड तय करने के लिए तीन जून को केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय दिया था. सीबीएसई ने इसके लिए चार जून को 13 सदस्यीय समिति का गठन किया था और रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि कक्षा 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए कक्षा 10, 11 और प्री बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों को आधार बनाया जाये. केंद्र सरकार ने सीबीएसई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय एक जून को लिया था और प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह निर्णय छात्रों के हित के मद्देनजर लिया गया है.
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