Afghanistan-Taliban Crisis: अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पढ़ रहे 22 अफगानी छात्रों की टेंशन बढ़ रही है. दरअसल ये छात्र अभी देश लौटना नहीं चाहते हैं और वीजा अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि उनके वीजा की अवधि कुछ महीनों के भीतर समाप्त होने वाली है.
बता दें, ज्यादातर छात्रों के लिए वीजा की समय- सीमा इस साल दिसंबर के महीने तक खत्म हो रही है. बता दें, तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, ऐसे में स्थिति बद से बदतर हो गई. स्थिति को देखते हुए छात्र अपने देश वापस लौटना नहीं चाहते हैं. ऐसे में PhD जैसे शैक्षणिक कोर्सेज के लिए माध्यम से छात्र अपने वीजा की अवधि बढ़ाना चाहते हैं.
न्यूज एजेंसी ANI से अफगान छात्र ने कहा, "अफगानिस्तान जैसे युद्धग्रस्त देश में अधिकांश लोग बड़े पैमाने पर बेरोजगार हैं और अब मौत या कैद से बचने की कोशिश कर रहे हैं."
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JNU के छात्र जलालुद्दीन ने कहा, "वहां स्थिति बेहद गंभीर है. मुझे उम्मीद है कि प्रशासन हमारी स्थिति को समझेगा और मेरे वीजा की अवधि बढ़ा देगा. इसके अलावा, जेएनयू में PhD विदेशी नागरिकों के लिए और गरीब परिवारों के लिए बहुत महंगा है, जो निश्चित रूप से संभव रास्ता नहीं है. हालांकि, वर्तमान में, मैं वास्तव में नहीं जानता कि क्या करना है,"
JNU में इंटरनेशनल रिलेशंस एंड एरिया स्टडीज के छात्र शफीक सुल्तान ने कहा, "मेरा वीजा 31 दिसंबर तक खत्म हो जाएगा. मैं यहां पढ़ने के लिए आने से पहले एक सरकारी कर्मचारी था. मुझे यकीन है कि अगर मैं वापस जाऊंगा तो वे मुझे पकड़ लेंगे. मेरा परिवार तालिबान के कब्जे वाले इलाके में रह रहा है और मैं पिछले डेढ़ हफ्ते से उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा हूं. मेरा तनाव बढ़ रहा है, हमें निश्चित रूप से मदद की जरूरत है."
14 अगस्त को, जेएनयू ने एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें कहा गया था कि "जेएनयू के कुछ अफगान छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से परिसर में उनकी वापसी की सुविधा के लिए अनुरोध किया है. चूंकि DDMA, NCT सरकार द्वारा जारी लेटेस्ट सर्कूलर के अनुसार विश्वविद्यालय बंद है. दिल्ली, अभी इस मामले की जांच की जा रही है."
अफगान छात्रों की वापसी के अनुरोधों पर विचार कर रहा है JNU
अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने शनिवार को कहा था कि उसे कुछ अफगान छात्रों के विश्वविद्यालय परिसर में वापसी कराने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं और उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि मामले पर विचार हो रहा है.
जेएनयू छात्र संघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति को शुक्रवार को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया था कि अफगान छात्रों को वीजा के लिए जरूरी अनुमति और अत्यावश्यक आधार पर छात्रावास की सुविधा प्रदान की जाए तथा अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात को देखते हुए उनकी वापसी में मदद की जाए.
बता दें, दिल्ली के अन्य विश्वविद्यालयों ने इसी परिस्थिति में फंसे छात्रों को उनके छात्र वीजा के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान की है, छात्र संघ ने कहा था कि अफगान छात्राओं को यदि समय पर जरूरी कागजात नहीं दिए जाते तो उन्हें अपनी शिक्षा पूरी तरह छोड़नी होगी.