एक साथ दो डिग्री कोर्स करने को UGC की हरी झंडी पर कई शिक्षाविदों ने चिंता जताई, कही यह बात...

कई प्रोफेसर ने दावा किया कि एक पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रम में विषय पर पूरा ध्यान बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य ने कहा कि एक हद तक लचीलेपन की पेशकश चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) द्वारा भी की जाएगी.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

देश के कई शिक्षाविदों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा छात्रों को दो पूर्णकालिक डिग्री एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से करने की अनुमति देने पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता ‘‘कमतर'' हो सकती है. कई प्रोफेसर ने दावा किया कि एक पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रम में विषय पर पूरा ध्यान बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य ने कहा कि एक हद तक लचीलेपन की पेशकश चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) द्वारा भी की जाएगी.

दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा, ‘‘डिग्री हो या नौकरी जब पूर्णकालिक हो तो इसका मतलब है कि व्यक्ति की पूरी एकाग्रता उसी पर होनी चाहिए. एक छात्र को एक डिग्री में अतिरिक्त क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देना एक बात है और उन्हें एक अतिरिक्त डिग्री अर्जित करने की अनुमति देना अलग चीज है. यह फैसला सिर्फ हमारे डिग्री कार्यक्रमों की गुणवत्ता को कमजोर करेगा.''डीयू के प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मान रहा है कि छात्र ‘सुपरह्यूमन' है या ऐसा व्यक्ति है जो 24 घंटे अध्ययन कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘दो डिग्री कार्यक्रम की पेशकश करके आप ऑनर्स पाठ्यकम को कमतर कर रहे हैं. ऑनर्स पाठ्यक्रमों का मूल दर्शन छात्रों को व्यापक, गहन और उन्नत ज्ञान प्रदान करना है और यहां तक कि ऑनर्स पाठ्यक्रमों के तहत भी छात्र संकाय केंद्रित पाठ्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अंतर संकाय की बात करें तो बीएससी और बीए कार्यक्रम हैं. ऐसा करके आप अपने कार्यक्रमों पर सवाल उठा रहे हैं. इससे शिक्षा प्रणाली में पूरी तरह से अराजकता फैल जाएगी.''केंद्र ने फैसला किया है कि छात्र अब एक ही विश्वविद्यालय से या अलग-अलग संस्थानों से एक साथ दो पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इस संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा और विकल्प 2022-23 शैक्षणिक सत्र से छात्रों के लिए उपलब्ध होगा.एक निजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने कहा, ‘‘यूजीसी छात्रों को जिस तरह का लचीलापन प्रदान करना चाहता है, उसके लिए पहले से ही एफवाईयूपी जैसे विकल्प उपलब्ध हैं. उस तरह के लचीलेपन के लिए छात्रों को एक संपूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रम का अतिरिक्त बोझ उठाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता नहीं है.''.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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