फिल्म सरस्वतीचंद्र के इस गाने को गाने पर क्यों उठे थे मुकेश की आवाज़ पर सवाल, आनंदजी भी हो गए थे हैरान

Mukesh Chand Mathur: मुकेश के एक गाने को लेकर किसी गायक का कहना था कि यह आवाज़ जरूरत से ज्यादा सरल है. ऐसे में मुकेश के हवाले से आनंदजी के तीखे जवाब ने गायक के गुरूर को तोड़ दिया था.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
Song Facts: फिल्म सरस्वतीचंद्र के लिए गाया था मुकेश ने यह गाना.

Bollywood Gold: वो आवाज़ जो कानों में जरूर पड़ती है लेकिन दिल में उतर जाती है, वो आवाज़ जिसे सुनकर दर्द उठता है तो मरहम का एहसास भी होता है, वो आवाज़ थी मुकेश साहब की. चाहे फिर यहूदी का यह मेरा दीवानापन हो या फिर पूरब और पश्चिम का कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे, मुकेश (Mukesh) की आवाज़ में जादू था, मधुरता थी और अपना सा लगने वाला गम भी था. लेकिन, इसी आवाज़ को चंदन सा बदन गाना गाने के लिए जब दूसरे गायक ने जरूरत से ज्यादा सरल कहा तो आनंदजी (Anandji) के जवाब ने उसका मुंह बंद कर दिया था. आज जानिए फिल्म सरस्वतीचंद्र के इस एक गाने और इससे जुड़े बेहद दिलचस्प किस्से के बारे में. 

लता मंगेशकर को नहीं दे सके 3000, तो मुकेश ने इस फिल्म के लिए 1000 रुपए में गाया यह गाना 

फिल्म सरस्वतीचंद्र (Saraswatichandra) साल 1968 में रिलीज हुई थी जिसमें नूतन, मनीष और विजया चौधरी ने मुख्य भूमिका निभाई थी. डायरेक्टर गोविंद सरैया थे और संगीतकार थे आनंदजी और कल्याणजी. अब आनंदजी कल्याणजी और मुकेश की जोड़ी एवरग्रीन कही जाती है. इस जोड़ी या कहें तिकड़ी ने चांद सी महबूबा, दीवानों से यह मत पूछो और फूल तुम्हें भेजा है खत में जैसे कितने ही शानदार गाने दिए हैं.  

Bappi Lahiri ने साल 1986 के इस कारनामे से वर्ल्ड रिकॉर्ड किया अपने नाम

सरस्वतीचंद्र के चंदन सा बदन चंचल चित्वन गाने को अपनी आवाज़ से मुकेश साहब ने सजाया था. गीत लिखा था इंदीवर ने और संगीत दिया था कल्याणजी आनंदजी (Kalyaniji Anandji) ने. लेकिन, इस गाने को सुनकर एक गायक का कहना था कि मुकेश जी की आवाज़ में ऐसा क्या है, हम भी तो हैं. उसने मुकेश की आवाज़ की सरलता पर सवाल किया था. कहा तो यह भी जाता है कि आनंदजी और कल्याणजी ने इस सिंगर को चैंलेज दिया था कि आप भी मुकेश जी कि तरह ही इस गाने को सरलता से गाकर दिखा दीजिए. इस पूरी घटना पर आनंदजी का कहना था, गायकी में फीलिंग लाना अलग चीज है और गायकी से कमाल दिखाना एक अलग बात है. अगर गाने में करतब दिखाया जाए तो कंपोजर कुछ ना कुछ तो कर सकता है लेकिन संयम दिखाना मुश्किल काम है. कई बार करतब वाले गाने लोगों को पसंद नहीं आते हैं क्योंकि लोग सरलता पसंद करते हैं. आनंद जी कहते हैं कि आम आदमी को आम आदमी की पसंद के सिंपल गाने दिए जाएं, जो सभी गा सकें, वो ज्यादा अच्छे हैं. आनंद जी का यह जवाब उस सिंगर के लिए काफी था. 

Mukesh की आवाज़ पर Singer ने किया सवाल तो आनंदजी ने दिया तीखा जवाब | Bollywood Gold

Featured Video Of The Day
Constitution Amendment Bill | संविधान संशोधन विधेयक पर क्या बोली JDU, RJD और Congress?
Topics mentioned in this article