फिल्मी दुनिया में अक्सर सही वक्त पर लिया गया फैसला किसी स्टार के करियर की दिशा बदल देता है. ऐसा ही किस्सा है सनी देओल से जुड़ा हुआ. उन्होंने सही समय पर अपने पिता की बात मानी और एक फ्लॉप मूवी से अपने करियर को शुरू होने से बचा लिया. ये किस्सा जुड़ा है मशाल मूवी से. जो रिलीज हुई थी साल 1984 में. फिल्म के लिए सनी देओल (Sunny Deol) का नाम तकरीबन फाइनल हो चुका था. लेकिन धर्मेंद्र (Dharmendra) को कुछ खटका और उन्होंने सनी देओल को फिल्म करने से रोक दिया. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का अंजाम देखते हुए उनका ये फैसला सही भी साबित हुआ.
सनी देओल को मिला था बड़ा मौका
उस दौर में सनी देओल अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे और हर बड़ा मौका उनके लिए मायने रखता था. मशाल में उन्हें राजा का किरदार ऑफर हुआ था. यश चोपड़ा जैसे बड़े निर्देशक और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज अभिनेता के साथ स्क्रीन शेयर करने का सपना हर नए कलाकार का होता है. ट्रेड पेपर्स में बाकायदा घोषणा भी हो गई थी कि सनी देओल इस फिल्म का हिस्सा बनने जा रहे हैं.
धर्मेंद्र की सलाह ने बदल दी कहानी
लेकिन तभी सामने आए उनके पापा धर्मेंद्र. उन्होंने सनी को समझाया कि अभी दिलीप कुमार जैसे लेजेंड के साथ स्क्रीन शेयर करना उनके लिए जल्दी होगा. धर्मेंद्र को लगा कि सनी का करियर उस वक्त शुरुआती दौर में है और उन्हें धीरे-धीरे मजबूत पहचान बनानी चाहिए. पापा की बात मानते हुए सनी ने फिल्म छोड़ दी. बाद में यह रोल अनिल कपूर को मिला.
सही फैसला साबित हुई दूरी
फिल्म मशाल रिलीज हुई तो दर्शकों को कहानी और गाने तो पसंद आए, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को खास सफलता नहीं मिली. उस दौर के लिहाज से इसे बड़ी फ्लॉप माना गया. माना जाता है कि अगर सनी देओल ने यह फिल्म की होती, तो उनके करियर की शुरुआत पर इसका बुरा असर पड़ सकता था. आज पीछे मुड़कर देखने पर साफ होता है कि धर्मेंद्र की वो सलाह कितनी दूरअंदेशी थी. सनी देओल ने इसके बाद एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं और धीरे-धीरे खुद को एक्शन स्टार के रूप में स्थापित किया. कहा जा सकता है कि पिता धर्मेंद्र की सूझबूझ ने उन्हें करियर की बड़ी ठोकर से बचा लिया.