जब एक लॉन्ड्री वाले की वजह से देव आनंद और गुरु दत्त की हुई दोस्ती, फिर दो सुपरस्टार ऐसे बन गए पक्के दोस्त

देव आनंद और गुरु दत्त की दोस्ती की शुरुआत एक बहुत मामूली से वाकये से हुई जब एक लॉन्ड्री की गड़बड़ी की वजह से इन दोनों की शर्ट की अदला-बदली हो गई. गुरु दत्त और देव आनंद, दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
देव आनंद और गुरु दत्त की दोस्ती कैसे शुरू हुई?
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • देव आनंद और गुरु दत्त की दोस्ती लॉन्ड्री की शर्ट अदला-बदली के मामूली वाकये से शुरू हुई, जिससे उनकी पहली मुलाकात हुई.
  • दोनों ने संघर्ष के दिनों में एक-दूसरे से वादा किया कि देव प्रोड्यूसर बने तो गुरु उनकी फिल्म डायरेक्ट करेंगे और गुरु प्रोड्यूसर बने तो देव उनके हीरो होंगे.
  • देव आनंद ने नवकेतन फिल्म्स की स्थापना के बाद गुरु दत्त को अपनी पहली डायरेक्शन फिल्म बाजी करने का मौका दिया, जो गुरु दत्त के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

देव आनंद और गुरु दत्त की दोस्ती की शुरुआत एक बहुत मामूली से वाकये से हुई  जब एक लॉन्ड्री की गड़बड़ी की वजह से इन दोनों की शर्ट की अदला-बदली हो गई. गुरु दत्त और देव आनंद, दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. संयोग से दोनों अपने कपड़े एक ही लॉन्ड्री में धुलवाते थे. एक दिन लॉन्ड्री वाले ने गलती से देव की शर्ट गुरु को दे दी और गुरु की शर्ट देव को. इसी चक्कर में दोनों की मुलाकात हो गई और बातचीत के दौरान उन्हें पता चला कि दोनों फिल्मों में काम करके एक मुकाम पाना चाहते हैं.

देव आनंद उस वक्त ऐक्टिंग में हाथ आजमा रहे थे और गुरु दत्त डायरेक्शन में अपनी पहचान बनाना चाहते थे. दोनों को फिल्मी दुनिया में आगे बढ़ना था और एक-दूसरे की सोच काफी मिलती-जुलती थी. संघर्ष के दिनों में मिले इन दो फिल्म प्रेमियों ने एक-दूसरे से वादा किया कि अगर देव आनंद कभी प्रोड्यूसर बनें, तो गुरु दत्त उनकी फिल्म डायरेक्ट करेंगे. और अगर गुरु दत्त कभी प्रोड्यूसर बनें, तो देव आनंद उनके हीरो बनेंगे. वादा किया और दोनों अपने-अपने संघर्ष में लग गए.

कुछ साल बाद, जब देव आनंद ने नवकेतन फिल्म्स की शुरुआत की, तो उन्होंने गुरु दत्त को अपनी फिल्म बाजी डायरेक्ट करने को कहा. यही फिल्म गुरु दत्त के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म और बड़ी कामयाबी. बाजी के बाद गुरु दत्त ने देव आनंद को लेकर दूसरी फिल्म डायरेक्ट की, जिसका नाम था जाल, और यह 1952 में रिलीज हुई. गुरु दत्त और देव आनंद की तीसरी फिल्म थी सीआईडी, जिसे गुरु दत्त ने डायरेक्ट नहीं किया बल्कि प्रोड्यूस किया था. इसके बाद यह इनके बीच आख़िरी जुगलबंदी थी क्योंकि कुछ और लोगों की वजह से इन दोनों के बीच व्यावसायिक तौर पर दूरियां आ गईं, पर ये दोनों हमेशा अच्छे दोस्त रहे.

Advertisement

देव आनंद अपने बैनर नवकेतन में फिल्में बनाते रहे और गुरु दत्त अपने बैनर में. हालांकि वो अपनी फिल्मों में ख़ुद अभिनय नहीं करना चाहते थे, पर जब बात नहीं बनती थी तो उन्हें ख़ुद ही अभिनय करना पड़ता था. एक फिल्म वो शम्मी कपूर के साथ करना चाहते थे जो नहीं हो पायी, और ऐसा ही हुआ दिलीप कुमार के साथ क्योंकि गुरु दत्त इनके साथ भी एक फिल्म बनाना चाहते थे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Hindi vs Marathi Controversy: महाराष्ट्र में गैरमराठी नेता आपस में भिड़ गए | MNS Protest