इस कॉमेडियन ने जिंदगी भर नहीं पी शराब की एक भी बूंद, लेकिन पियक्कड़ का रोल देखकर प्रोड्यूसर ने व्हिस्की पर रख दिया था नाम

मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में जॉनी वॉकर का जन्म हुआ. तब उनका नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी रखा गया. उनके पिता कपड़ा मिल में मजदूर थे और किन्हीं कारणों से जब मिल में काम बंद हुआ तो उनका परिवार रोजी रोटी कमाने के लिए मुंबई आ गया.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
मुंबई की बस में कंडक्टरी करते थे अपने ज़माने के ये कॉमेडियन, पहचाना क्या
नई दिल्ली:

फोटो में दिख रहे इस बंदे को पहचानते हैं आप? ये अपने जमाने की मशहूर कॉमेडियन हैं जिन्होंने अपनी कॉमेडी से लोगों को जी भरकर हंसाया. कहते हैं कि इस एक्टर ने अपनी पूरी जिंदगी में शराब की एक बूंद भी गले के नीचे नहीं उतारी लेकिन कैमरे के सामने आते ही ये बिलकुल पियक्कड़ इंसान बन जाते थे. अगर आप इस कॉमेडियन को पहचान गए हैं तो आपकी बॉलीवुड फैन की बादशाहत कायम है. लेकिन अगर आप नहीं पहचान पा रहे हैं तो हम बताए देते हैं. ये बॉलीवुड के 60 और 70 के दशक के मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर हैं. जॉनी वॉकर ने अपने बॉलीवुड करियर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया और अपने काम से लोगों का खूब मनोरंजन भी किया.   

मुंबई की बस में कंडक्टरी करते थे जॉनी वॉकर   

1925 में मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में जॉनी वॉकर का जन्म हुआ. तब उनका नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी रखा गया. उनके पिता कपड़ा मिल में मजदूर थे और किन्हीं कारणों से जब मिल में काम बंद हुआ तो उनका परिवार रोजी रोटी कमाने के लिए मुंबई आ गया. यहां बड़ा होने पर परिवार का पेट भरने के लिए जॉनी वाकर ने मुंबई में ही बस कंडक्टर की नौकरी शुरू कर दी. अपने  जबरदस्त कॉमिक अंदाज और अजीबोगरीब किस्से सुनाने के तरीके के चलते बस के लोग उनसे काफी खुश रहते थे.  

बस में मिला काम 

इसी दौरान एक्टर बलराज साहनी ने बस में ही जॉनी वॉकर की प्रतिभा को पहचान लिया. उस वक्त बलराज साहनी गुरुदत्त के लिए बाजी फिल्म की पटकथा लिख रहे थे. उन्होंने जॉनी वॉकर का काम देखा तो गुरुदत्त के पास जाकर ऑडिशन देने को कहा. बलराज साहनी के कहने पर जॉनी वॉकर स्टूडियो पहुंचे. वो शराब नहीं पीते थे लेकिन जब गुरुदत्त ने ऑडिशन में उनको शराबी का रोल करने के लिए कहा तो जॉनी वॉकर  ने इतने शानदार तरीके से शराबी का रोल किया कि गुरुदत्त ने तुरंत उनको अपने फेवरेट व्हिस्की ब्रांड जॉनी वॉकर का नाम देते हुए फिल्म के लिए सेलेक्ट कर लिया. 1951 में बाजी सुपरहिट साबित हुई और इसी के साथ जॉनी वॉकर के करियर की रेल भी चल निकली. 

जाने कहां मेरा जिगर गया जी...आज भी किया जाता है याद    

जॉनी वाकर ने अपने दौर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया. इसमें बाजी के साथ साथ प्यासा, जाल, बरसात, टैक्सी ड्राइवर, मिस्टर एंड मिसेज 55, श्रीमती 420, आंधियां,मधुमती, कागज के फूल जैसी फिल्में शामिल हैं. इन फिल्मों में हीरो के साथ साथ कॉमेडियन के तौर पर जॉनी वॉकर जनता के दिलों पर छा गए. उन पर फिल्माए गए गाने काफी हिट हुए. जाने कहां मेरा जिगर गया जी, दिल  जो तेरा घबराए, ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां जैसे गाने आज भी लोगों के दिलों को गुदगुदा देते हैं.

जब पैपराजी ने रणवीर सिंह से कहा, "आग लगा दिया", तो दीपिका पादुकोण ने दी स्माइल

Advertisement
Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi ने Voter Adhikar Yatra से कितने वोट जोड़े? | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Syed Suhail