बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान की मुंबई के करीब आलीबाग स्थित खरीदी जा रही एक जमीन को लेकर विवाद सामने आया है. इस डील पर सवाल उठने लगे हैं क्योंकि ये कृषि भूमि है और इसे सिर्फ किसान ही खरीद सकता है. खोटे परिवार की तीन बहनों, अंजलि, रेखा और प्रिया से सुहाना को जमीन मिली, जिन्हें ये संपत्ति उनके माता-पिता से विरासत में मिली थी. इस डील पर जांच चल रही है. अलीबाग तहसीलदार से एक निष्पक्ष रिपोर्ट मांगी गई है.
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अलीबाग के थल गांव में ये जमीन का टुकड़ा है, जिसकी क़ीमत करीब 13 करोड़ की बताई जा रही है. सुहाना के साथ हुई डील 2023 की बताई जा रही है. विवेक ठाकुर नाम के वकील ने इस संबंध में आपत्ति जताई और जिला कलेक्टर से इस जमीन को सरकार को सौंपने का अनुरोध किया है. बताया का रहा है की ये जमीन मूल रूप से सरकार की ओर से उस गांव के किसानों को खेती के लिए आवंटित की गई थी. दरअसल 1968 में, तत्कालीन जिला कलेक्टर ने आलीबाग में थल गांव के समुद्र तट के किनारे फिल्म अभिनेत्री दुर्गा खोटे के बेटे नारायण खोटे को फलों की खेती के लिए 90 साल की लीज पर सिर्फ खेती के लिए सरकारी जमीन दी थी.
नारायण खोटे की मृत्यु के बाद, ये जमीन उनकी उत्तराधिकारी अंजलि खोटे, प्रिया खोटे, रेखा खोटे को हस्तांतरित हुई. 2023 में, खोटे परिवार ने सुहाना खान के साथ आलीबाग सब रजिस्ट्रार के पास अग्रीमेन्ट टु सेल रजिस्टर कराई और सुहाना ने करीब 77 लाख की रजिस्ट्रेशन चार्जेस भरीं. अधिकारी फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं और उन्होंने अलीबाग तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी है.
महाराष्ट्र कृषि भूमि अधिनियम के मुताबिक जो व्यक्ति खुद किसान है या जिसके परिवार के पास पहले से कृषि भूमि है, वही खेती की जमीन खरीद सकता है, गैर-किसान सीधे ऐसी जमीन नहीं खरीद सकते हैं. अगर जमीन सरकार ने केवल खेती के लिए किसी किसान परिवार को दी है, तो वो जमीन सीधे नहीं बेची जा सकती. इसके लिए कलेक्टर की मंजूरी जरूरी है और खरीदार और विक्रेता दोनों को तहसीलदार कलेक्टर से एनओसी लेनी पड़ती है. अब मांग उठी है कि भूमि सरकार को वापस कर दी जानी चाहिए.