इस फिल्म में संजीव कुमार ने 9 रोल निभाकर रचा था इतिहास, दे डाली थी साल की सबसे बड़ी हिट

संजीव कुमार को हिंदी सिनेमा का एक बेहतरीन और कद्दावर अभिनेता माना जाता रहा है और इसके पीछे कारण ये की जहां उनकी संजीदा, हल्की फुल्की और कॉमेडी फिल्म ने अपनी छाप छोड़ी.

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‘ नया दिन नयी रात’ में 9 किरदार निभाकर संजीव कुमार ने इतिहास रचा था
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  • संजीव कुमार ने हिंदी फिल्म 'नया दिन नई रात' में नौ अलग-अलग किरदार निभाकर हिंदी सिनेमा में अनोखा रिकॉर्ड स्थापित किया.
  • इस फिल्म का निर्देशन ए भीमसिंह ने किया था और इसमें जया भादुड़ी भी मुख्य भूमिका में थीं.
  • 'नया दिन नई रात' दक्षिण की फिल्म 'नवरात्रि' से प्रेरित थी और 1974 में रिलीज़ हुई थी.
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नई दिल्ली:

संजीव कुमार को हिंदी सिनेमा का एक बेहतरीन और कद्दावर अभिनेता माना जाता रहा है और इसके पीछे कारण ये की जहां उनकी संजीदा, हल्की फुल्की और कॉमेडी फिल्म ने अपनी छाप छोड़ी वहीं ऐसी भी फिल्में थीं जहां वो अपनी उम्र से ज्यादा दिखे और वहां भी उन्होंने कनविंसिंगली वो किरदार निभाये. लेकिन एक फिल्म थी ‘नया दिन नई रात ‘ जहां उन्होंने 9 किरदार निभाये थे और इस फिल्म के बाद फिल्म जगत के साथ साथ दर्शकों ने भी संजीव कुमार का लोहा मान लिया क्योंकि हिंदी सिनेमा के इतिहास में किसी ने ये पहले नहीं किया था और बाद में अगर किया तो वो गोविंदा ने, जहां फिल्म ‘ हद कर दी आपने में उन्होंने 11 किरदार निभाये थे लेकिन वो सिर्फ एक ही सीन में हुआ था जहां गोविंदा अलग अलग किरदार में एक ही टेबल पे एक दूसरे के सामने  बैठते हैं , अंग्रेजी फिल्मों में ये कारनामा एडी मर्फी ने किया था जिन्होंने नट्टी प्रोफेसर में 7 किरदार निभाये थे . बात करें फिल्म ‘नया दिन नई रात ‘ की तो  ये दक्षिण की फिल्म ‘ नवरात्रि ‘ से प्रेरित थी और 1974 में रिलीज हुई .

इस फिल्म के प्रोड्यूसर चाहते थे कि इस फिल्म में दिलीप कुमार नौ अलग-अलग किरदार निभाएं. उन्होंने काफी कोशिश की, लेकिन दिलीप कुमार ने यह ऑफर ठुकरा दिया. वजह ये थी कि वो पहले ही राम और श्याम और बैराग जैसी फिल्मों में डबल और ट्रिपल रोल कर चुके थे और खुद को दोहराना नहीं चाहते थे और इसलिए उन्होंने खुद संजीव कुमार का नाम सुझाया.

एक फिल्म में नौ अलग अलग किरदार निभाना चुनौतीपूर्ण था और संजीव कुमार ने यह चुनौती खुशी-खुशी स्वीकार की. इस फिल्म को देखने से पहले उन्होंने ओरिजिनल फिल्म नहीं देखी क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उनका अभिनय उस फिल्म के किरदार से प्रभावित ना हो जाये. एक सीन में उन्हें शेर-बाघों के बीच सर्कस ट्रेनर का रोल करना था, जिसे करने में आठ रीटेक लगे. कुल मिलाकर फिल्म को बनने में डेढ़ साल लग गया. इस फिल्म में उनके साथ थीं जया भादुड़ी और इसके निर्देशक थे ए भीमसिंह .

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रिलीज से पहले फिल्म की खास स्क्रीनिंग दिलीप कुमार के लिए रखी गई. वो संजीव के अभिनय से इतने प्रभावित हुए कि फिल्म में उनकी आवाज में एक तारीफ भरा वॉयसओवर जोड़ा गया. फिल्म बड़ी हिट साबित हुई और संजीव को दिग्गज एक्टर का रुतबा मिला .

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