फिल्म ‘रजनीगंधा’ ने बदल दी थी अमोल पालेकर की जिंदगी, हिंदी सिनेमा में रातों-रात दिलाई अलग पहचान

बासु चटर्जी को हिंदी सिनेमा में कुछ हटकर फिल्में बनाने के लिए जाना जाता था. उनकी फिल्मों में भारतीय मध्यम वर्ग की दास्तान होती है और कहानी का इतनी सादगी के साथ पेश किया जाता कि वो दिल की गहराइयों तक उतर जाती.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फिल्म ‘रजनीगंधा’ ने बदल दी थी अमोल पालेकर की जिंदगी
नई दिल्ली:

बासु चटर्जी को हिंदी सिनेमा में कुछ हटकर फिल्में बनाने के लिए जाना जाता था. उनकी फिल्मों में भारतीय मध्यम वर्ग की दास्तान होती है और कहानी का इतनी सादगी के साथ पेश किया जाता कि वो दिल की गहराइयों तक उतर जाती. इसी तरह उनकी फिल्मों के पात्र भी हुआ करते थे, एकदम आम जिंदगी से निकले हुए. 1974 में बासु चटर्जी की ऐसी ही एक फिल्म रिलीज हुई थी जिसका नाम था ‘रजनीगंधा.' फिल्म की कहानी हिंदी की मशहूर लेखिका मन्नू भंडारी की कहानी ‘यही सच था' पर आधारित थी. फिल्म में अमोल पालेकर, विद्या सिन्हा और दिनेश ठाकुर लीड रोल में थे.

दिलचस्प यह कि फिल्म में सिर्फ दो ही गीत थे. एक तो ‘रजनीगंधा फूल तुम्हारे' और दूसरा ‘कई बार यूं ही देखा है'. लेकिन इन दोनों गीतों ने दर्शकों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ी. फिल्म का गाना ‘रजनीगंधा फूल तुम्हारे' बहुत ही लोकप्रिय हुआ. इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया था जबकि इसके बाल योगेश ने लिखे थे. फिल्म का म्यूजिक सलिल चौधरी का था. ‘कई बार यूं ही देखा है' गाने के लिए मुकेश को बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार तक मिला था.

Featured Video Of The Day
Border Gavaskar Trophy की शुरुआत, Toss जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी India