4 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं. वह भारत-रूस 23वें शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौंते होने की संभावना है. रूस, भारत के पुराने दोस्तों में से एक है. रूस में भारत की संस्कृति की नहीं सिनेमा और उससे जुड़े कलाकारों को भी खूब पसंद किया जाता है. हिंदी सिनेमा के “शोमैन” राज कपूर की फैन फॉलोइंग रूस में काफी ज्यादा रही थी. उनका नाम रूस में आज भी लोग बड़े प्यार और सम्मान से लेते हैं. रूस में राज कपूर से जुड़े कई किस्से-कहानियां भी रहे हैं.
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कंधों पर उठ गई कार!
साल 1960 के आसपास की बात है. राज कपूर अपनी फिल्म “मेरा नाम जोकर” बना रहे थे. इसके लिए उन्हें रशियन सर्कस कलाकारों से मिलना था. वो लंदन में थे, वहां से मॉस्को पहुंचे. हैरानी की बात ये कि उनके पास वीजा तक नहीं था, फिर भी रूसी अधिकारियों ने बिना कुछ पूछे उन्हें एंट्री दे दी. जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर निकले, फैंस का हुजूम उमड़ पड़ा. कैब में बैठे थे कि फैंस ने पूरी गाड़ी ही कंधों पर उठा ली! राज कपूर खुद हैरान रह गए थे. उनके बेटे ऋषि कपूर ने बाद में कई इंटरव्यू में बताया कि पापा का रूस से बहुत खास लगाव था और वहां की जनता उन्हें दिल से चाहती थी. आज भी वहां बुजुर्ग लोग राज कपूर को याद करते हैं.
इन फिल्मों ने जीता रूसी लोगों का दिल
राज कपूर की फिल्म “आवारा” तो रूस में मानो तहलका मचा गई. 1950-60 के दशक में वहां इसके लगभग 6.3 करोड़ टिकट बिके थे, जो उस समय की बहुत बड़ी संख्या है. फिल्म ने 2.9 करोड़ रूबल (उस समय की मुद्रा) से ज्यादा की कमाई की थी. “आवारा हूं...” गाना तो हर रूसी की जुबान पर था. इसके अलावा राज कपूर की दूसरी फिल्में भी वहां खूब चलीं. बाद के समय में ऋषि कपूर की “बॉबी”, मिथुन चक्रवर्ती की “डिस्को डांसर”, हेमा मालिनी की “सीता और गीता” और सुचित्रा सेन की बंगाली फिल्म “ममता” ने भी सोवियत यूनियन में धमाल मचाया था. “डिस्को डांसर” का गाना “जिम्मी-जिम्मी” तो आज भी रूस-यूक्रेन के इलाकों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को याद है. तो ये था राज कपूर और बॉलीवुड का वो पुराना रूसी कनेक्शन, जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है!