बॉलीवुड में विलेन के किरदार हमेशा से फिल्म की रीढ़ रहे हैं. हर साल कोई ना कोई फिल्म या किरदार यह बात सच साबित करता रहा है. ताजा उदाहरण इन दिनों सिनेमाघरों में धूम मचा रही फिल्म 'धुरंधर' है, जिसने अक्षय खन्ना का स्टार बना दिया है. लेकिन फिल्म में विलेन को रोल को लेकर दशकों पहले दिग्गज अभिनेता प्रेम चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में खुलकर कहा था, "व्यावहारिक बनो यार. मेरा समय चला गया. मैं हीरो नहीं बन सकता. मुझे कोई अफसोस नहीं क्योंकि एक अभिनेता को कैरेक्टर रोल में हीरो से ज्यादा स्कोप मिलता है. हमारी हिंदी फिल्मों में हीरो अक्सर स्टिरियोटाइप्ड होता है. आजकल लोग लीडिंग मैन को दूसरे अभिनेताओं की कीमत पर ज्यादा महत्व नहीं देते. 'काला सोना' में रीपीट वैल्यू तो मैंने दी, न कि फेरोज खान ने." यह बयान प्रेम चोपड़ा ने फिल्म 'काला सोना' के प्रमोशन के दौरान दिया था, जो उस दौर की हकीकत को बयां करता है जब विलेन रोल्स फिल्म की जान बन जाते थे. इस फिल्म को रिलीज हुआ 50 साल हो चुके हैं.
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धुरंधर में अक्षय खन्ना का रोल
आज, 2025 में रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर 'धुरंधर' इस बयान की जीती-जागती मिसाल बन गई है. आदित्य धर निर्देशित इस स्पाई थ्रिलर में रणवीर सिंह लीड रोल में हैं, लेकिन चर्चा का केंद्र बने हैं अक्षय खन्ना. उन्होंने रहमान डकैत का किरदार निभाया है – एक क्रूर, चालाक और करिश्माई गैंगस्टर का, जो कराची के ल्यारी इलाके पर राज करता है. अक्षय का यह नेगेटिव रोल इतना दमदार है कि दर्शक और क्रिटिक्स उन्हें फिल्म का असली 'धुरंधर' बता रहे हैं. उनकी एंट्री सीन, जहां 'FA9LA' गाने पर सहज डांस स्टेप्स के साथ वे स्क्रीन पर छा जाते हैं, वायरल हो चुका है. उनकी ठंडी नजरें, खतरनाक मुस्कान और संवाद अदायगी ने फिल्म को नई ऊंचाई दी.
प्रेम चोपड़ा की क्यों है सटीक बात
प्रेम चोपड़ा की बात बिलकुल सटीक साबित हुई. जहां हीरो की जिम्मेदारी अक्सर एक्शन और रोमांस तक सीमित रहती है, वहीं विलेन को गहराई, डाइवर्सिटी और प्रभाव छोड़ने का मौका मिलता है. 'धुरंधर' में अक्षय खन्ना ने यही साबित किया कि सपोर्टिंग रोल होने के बावजूद वे फिल्म की जान बन गए. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की कामयाबी में उनका योगदान अतुलनीय है. यह बदलाव बॉलीवुड की नई पीढ़ी के लिए सबक है कि मजबूत कैरेक्टर रोल्स ही लंबे समय तक याद रहते हैं. प्रेम चोपड़ा जैसे दिग्गजों की सोच आज भी प्रासंगिक है, और अक्षय खन्ना जैसे अभिनेता इसे नई पीढ़ी में जीवंत कर रहे हैं.