गजलों की दुनिया का एक अध्याय आज हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो गया. रूमानियत से भरी एक आवाज ने इस दुनिया को अब तन्हा छोड़ दिया है. ये आवाज है पंकज उधास की. जिसकी नर्मी हमेशा गजलों की दुनिया को खूबसूरत बनाती रही. वही आवाज अब विदा ले चुकी है. उस दुनिया की तरफ जहां न मयकदे की फिक्र होगी न गमे जिंदगी से सवालात बचे होंगे. लंबी बीमारी से जूझ रहे पंकज उधास ने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.
पंकज उधास का जाना सिर्फ एक आवाज का हमेशा के लिए शांत हो जाना नहीं है, बल्कि ये गजल की दुनिया की हुई ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई अब कभी संभव नहीं होगी.शायद यही वजह है कि गीत संगीत की दुनिया से जुड़े फनकारों के अलावा बॉलीवुड के कलाकार और अन्य हस्तियों ने भी शोक जाहिर किया है.
पंकज उधास के निधन से टूटे सोनू निगम
सिंगर सोनू निगम ने लिखा उनका जाना यानी मेरे बचपन का एक जरूरी हिस्सा गुम हो जाना. आज मेरा दिल रो रहा है.
पंकज उधास के निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया के जरिए दी है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'बहुत दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि 26 फरवरी को लंबी बीमारी के कारण पद्मश्री पंकज उधास का निधन हो गया है.' समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक पारिवारिक सूत्र के हवाले से बताया कि "नाम", "साजन" और "मोहरा" सहित हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में पहचान बनाने वाले उधास का सुबह 11 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हुआ.
पंकज उधास शानदार गजल गायक भी थे. उन्होंने कई फिल्मों के लिए गजल गाई थी. पंकज उधास गजल की दुनिया के बड़े नामों में से एक थे. उन्होंने बतौर गजल गायक अपने करियर की शुरुआत 1980 में आहट नाम एक गजल एल्बम से की थी. इसके बाद उन्होंने कई एल्बम के लिए गजल गायी, लेकिन पंकज उधास को असली पहचान फिल्म नाम से मिली थी. यह फिल्म 1986 में आई थी.