नेपाल के सुपर स्टार प्रदीप खड़के ने कहा सोशल मीडिया बैन अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है

नेपाल के मौजूदा हालातों पर सोशल मीडिया बैन और उसके खिलाफ उठे विरोध को लेकर बहस तेज हो गई है. इस मुद्दे पर नेपाल के मशहूर अभिनेता प्रदीप खड़का, जिन्हें अक्सर ‘नेपाल का शाहरुख खान’ कहा जाता है, ने अपनी राय रखी है.

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नेपाल के सुपर स्टार प्रदीप खड़के ने कहा सोशल मीडिया बैन अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है
नई दिल्ली:

नेपाल के मौजूदा हालातों पर सोशल मीडिया बैन और उसके खिलाफ उठे विरोध को लेकर बहस तेज हो गई है. इस मुद्दे पर नेपाल के मशहूर अभिनेता प्रदीप खड़का, जिन्हें अक्सर ‘नेपाल का शाहरुख खान' कहा जाता है, ने अपनी राय रखी है. उन्होंने साफ कहा कि यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नहीं है, बल्कि इससे कहीं ज्यादा गहरे स्तर पर भ्रष्टाचार और व्यवस्था के खिलाफ जनता का गुस्सा सामने आ रहा है.

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प्रदीप खड़का ने कहा, “आई सपोर्ट द जेन जी मूवमेंट ‘(Zen G Movement ). ये सिर्फ सोशल मीडिया बैन के खिलाफ का आंदोलन नहीं है बल्कि यह जनता की गहरी हताशा का नतीजा है, जो बरसों से भ्रष्टाचार और राजनीतिक दलों के खेल का शिकार हो रही है. सोशल मीडिया को बंद करना न सिर्फ अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन भी है. सरकार का यह कदम साफ तौर पर सेंसरशिप और कंट्रोल की मंशा दिखाता है. बैन करना किसी भी हालत में समाधान नहीं है.”

जब प्रदीप खड़का से पूछा गया कि आजकल सोशल मीडिया कमाई का साधन भी बन गया है, लोग इससे पैसा कमाते हैं और बैन के बाद उनकी कमाई पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने साफ कहा, “अक्सर कहा जाता है कि युवा सोशल मीडिया से रोजगार पा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि नेपाल में यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह मोनेटाइज नहीं हुआ है. कुछ गिने-चुने लोग ही इससे कमाई कर पा रहे हैं. इसलिए आंदोलन को सिर्फ रोजगार का मुद्दा कहकर छोटा करना गलत है. असली वजह यह है कि जनता भ्रष्टाचार और राजनीतिक व्यवस्था से तंग आ चुकी है, और यह विरोध उसी का हिस्सा है.”

सोशल मीडिया के फिल्म इंडस्ट्री पर असर को लेकर प्रदीप खड़का ने कहा, “आज फिल्म प्रमोशन पूरी तरह सोशल मीडिया पर शिफ्ट हो चुका है. पहले गाने और ट्रेलर टीवी और अखबारों के जरिए रिलीज होते थे, लेकिन अब सारा फोकस फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर है. बैन के बाद हमारी फिल्में प्रभावित हो रही हैं. इस साल दुशहरा पर रिलीज होने वाली बड़ी फिल्मों के ट्रेलर और गाने रोके जा चुके हैं, प्रमोशन एक्टिविटीज बंद कर दी गई हैं. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री पर भी सीधा असर पड़ रहा है. फिलहाल राष्ट्रीय मुद्दे के बीच फिल्मों की बात करना ठीक नहीं, लेकिन यह सच है कि सोशल मीडिया बैन ने हमारे काम को भी मुश्किल बना दिया है.”

इस तरह प्रदीप खड़का ने साफ कर दिया है कि नेपाल का यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया बैन का नहीं बल्कि लोकतंत्र, अभिव्यक्ति और जनता के अधिकारों की रक्षा का आंदोलन है, जिसे अब ‘जेन जी मूवमेंट ‘(Zen G Movement )कहा जा रहा है.

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