अपनी एक्टिंग से बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ने वाले मशहूर एक्टर ईशान खट्टर ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में हिस्सा लिया. शुक्रवार और शनिवार को हुए एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में देश-दुनिया की कई बड़ी शामिल हुईं. सभी ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे. इस खास मंच पर ईशान खट्टर ने अपने फिल्मी करियर के अलावा एक कलाकार के तौर पर अन्य मुद्दों पर अपनी राय दी.
होमबाउंड को कान फिल्म फेस्टिवल में और दर्शकों से मिले रिएक्शन पर:
ये फिल्म मेरे लिए बहुत खास है. अगर मैं इस फिल्म में नहीं होता तो भी इसके लिए चीयर करता. मुझे इस पर बहुत गर्व है. मेरे लिए ये एक माइल स्टोन है. कान्स में इस तरह का रिएक्शन किसी के लिए भी बहुत खास होगा. लेकिन मेरे लिए यह एक्सपीरियंस बहुत ही अलग था. मुझे समय का कुछ होश ही नहीं था...जिस पल वो सब हुआ मुझे यकीन नहीं हुआ.
अगर फिल्म को ऑस्कर मिला तो:
होमबाउंड फिल्म को ऑस्कर मिला तो शायद जैकेट उतार कर एक्साइटमेंट में भागूंगा..लेकिन नहीं मजाक से हटकर ये बहुत ही खास होगा.
नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज द रॉयल्स में शर्टलेस सीन और ऑब्जेक्टिफाई होने पर क्या बोले ईशान:
जब ईशान से पूछा गया कि क्या उन्हें नहीं लगा कि उनके इतने शर्टलेस सीन के साथ सीरीज में उन्हें ऑब्जेक्टिफाई किया गया. इस पर ईशान ने मस्ती करते हुए कहा कि मेकर्स को जब भी लगता था कि सीन सही नहीं जा रहा तो वो मुझे शर्ट उतारने को कहते थे. ईशान ने कहा कि उनके शर्ट उतारने से ज्यादा जरूरी है कि लोग उन्हें किस तरह देखना पसंद करते हैं. ईशान ने बताया कि उन्हें लड़कियों से ज्यादा लड़कों ने कहा कि 'हमने आपको रॉयल्स में देखा है.'
सही फिल्म चुनने पर:
आठवीं में मैं मैथ में फेल हो गया था. तो फिल्मों को लेकर मैं मैथ तो नहीं करता. मैं बस अपने लिए ऑथेंटिक रहने की कोशिश करता हूं. कुछ ऐसा करूं जिसमें मैं यकीन रखता हूं. मुझे लगता है कि जिस चीज पर मैं विश्वास कर पाउंगा दर्शक भी उस चीज को समझ पाएंगे और यकीन कर पाएंगे.
भाई शाहिद कपूर से नहीं लेते सलाह?
भाई ने हमेशा मुझे राह दिखाई है. उन्होंने जिंदगी का एक्सपीरियंस मुझसे 15 साल पहले लिया है क्योंकि वो मुझसे 15 साल बड़े हैं. बड़े भाई होने के नाते वो हमेशा मेरी इंडिविजुऐलिटी को रिस्पेक्ट करते हैं.
हॉलीवुड बॉलीवुड में क्या फर्क है:
खाना यहां बेहतर है. मुझे लगता है कि बेसिकली ये कल्चर डिफ्रेंस है. मुझे लगता है कि उनका सिस्टम और प्रोटोकॉल्स अलग हैं. मुझे लगता है कि हम ज्यादा पैशनेट और जुगाड़ू हैं. ज्यादा काम करना हो तो भी पीछे नहीं हटते
8 घंटे की शिफ्ट पर क्या बोले
मैं सेट पर कभी कभी प्रोटोकॉल्स से ज्यादा समय रहा हूं. आप वर्किंग एन्वायरमेंट के हिसाब से ही इस तरह के फैसले कर सकते हैं. क्योंकि सेट पर कुछ लोग ऐसे होंगे जो आपसे पहले आते होंगे और आपके बाद पैकअप करके निकलेंगे. इसलिए मुझे लगता है कि हर किसी के समय और एफर्ट के हिसाब से इस बारे में फैसला लेना चाहिए.