रिलीज़ के चार साल बाद भी 'धमाका' कार्तिक आर्यन की आर्ट जर्नी का एक अहम मोड़ बनकर खड़ा है. राम माधवानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने कार्तिक की परिचित अर्बन-चार्म वाली इमेज से हटकर उन्हें एक गहरे, नैतिक रूप से उलझे हुए एक ऐसे न्यूज़ रूम एंकर अर्जुन पाठक के रूप में उतारा था, जो दबाव, डर और निजी टूटन के बीच फंसा हुआ है. इस किरदार में कार्तिक ने अपने स्थापित स्टार-प्रतिमान से बाहर निकलकर एक नए, गहरे और संवेदनशील अभिनय क्षेत्र में कदम रखा था.
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हालांकि 'धमाका' को और भी खास बनाता है उस वक्त का दौर, जब पूरी इंडस्ट्री महामारी के कारण ठहर-सी गई थी. उसी दौरान कार्तिक आर्यन की यह फिल्म कोविड काल में शूट और रिलीज़ होने वाली शुरुआती फिल्मों में से एक बनी और दर्शकों की पहली पसंद बन गई. गौरतलब है कि कोविड की पहली लहर के दौरान, पूरी टीम ने सख्ती के बावजूद मात्र 10 दिनों में फिल्म की शूटिंग पूरी की थी, जो उस समय लगभग असंभव बात थी. वैसे रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फिल्म में अपनी भूमिका के लिए कार्तिक आर्यन को ₹20 करोड़ की फीस दी गई थी.
अर्जुन पाठक के रूप में कार्तिक के अभिनय की न सिर्फ खूब सराहना हुई थी, बल्कि आलोचकों और दर्शकों ने उनके संयमित लेकिन तीखे प्रदर्शन, भावनाओं के तेज़ बदलावों और एक सिंगल-स्पेस नैरेटिव को अकेले अपने कंधों पर संभालने की क्षमता की भी काफी प्रशंसा की थी. इसके अलावा माधवानी की रियल-टाइम शैली और फिल्म की टाइट, इमर्सिव संरचना ने कार्तिक के अभिनय को और ऊंचाई दी.
आज भी 'धमाका' सीमित परिस्थितियों में बनी रचनात्मक फिल्मों में से एक और कार्तिक के हिम्मत की मिसाल मानी जाती है. कार्तिक की प्रतिबद्धता और माधवानी की सटीक दृष्टि ने इस एक-रात की थ्रिलर को ओटीटी सिनेमा के लिए एक मील का पत्थर बना दिया है. वर्क फ्रंट की बात करें तो कार्तिक आर्यन इस साल की बड़ी क्रिसमस रिलीज़ समीर विदवान्स की 'तु मेरा मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी' की तैयारी में जुटे हैं, जिसमें उनके साथ अनन्या पांडे नज़र आनेवाली हैं.