साल 2000 बॉलीवुड के लिए यादगार रहा. न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि ऋतिक रोशन और विधु विनोद चोपड़ा के लिए भी ये साल कभी न भूलने वाला एक्सपीरियंस बना. एक और कहो ना प्यार है से ऋतिक रोशन रातों रात सुपरस्टार बने, वहीं विधु विनोद चोपड़ा की मिशन कश्मीर ने बॉलीवुड में नया इतिहास रच दिया. इस फिल्म के पीछे जितनी दिल को छू लेने वाली कहानी थी. उतनी ही बड़ी रिस्क भी. निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने इस फिल्म में अपनी पूरी पूंजी लगा दी थी. अगर ये फ्लॉप होती, तो शायद थ्री इडियट जैसी फिल्म प्रोड्यूस करने वाला ये प्रोड्यूसर सड़क पर आ जाता. क्योंकि मिशन कश्मीर मूवी उनके करियर की सबसे बड़ी परीक्षा बन गई.
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जब ऋतिक को मिली सिर्फ इतनी फीस
शुरुआत में चोपड़ा इस फिल्म में शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन को लेना चाहते थे, लेकिन बात नहीं बनी. तब उन्होंने नए चेहरे ऋतिक रोशन को साइन किया. उस वक्त ऋतिक इंडस्ट्री में बिल्कुल नए थे इसलिए उन्हें मिशन कश्मीर के लिए सिर्फ 11 लाख रुपये ऑफर किए गए. अगर फिल्म फ्लॉप होती, तो उन्हें सिर्फ 1 लाख ही मिलते. मजेदार बात ये है कि शूटिंग के दौरान कश्मीर में पुलिसवालों ने उन्हें दो बार सेट से भगा भी दिया था क्योंकि उन्हें पहचान नहीं पाए थे. लेकिन जैसे ही कहो ना प्यार है रिलीज हुई. सब बदल गया. ऋतिक सबसे बड़े स्टार बन चुके थे.
ऋतिक से महंगा गाना, दांव पर बंगला
विधु विनोद चोपड़ा के लिए मिशन कश्मीर एक इमोशनल सफर था. वो खुद कश्मीर में पले बढ़े थे और इस फिल्म को उन्होंने अपने वतन के लिए एक लव लेटर की तरह बनाया. लेकिन इस फिल्म में उन्होंने सब कुछ झोंक दिया. उनकी पिछली फिल्म करीब फ्लॉप हो चुकी थी और वो लगभग 1 करोड़ रुपये के कर्ज में थे. इसके बाद भी उन्होंने बुमरो गाने पर एक करोड़ रु. खर्च कर दिए थे. जो ऋतिक की फीस से कहीं ज्यादा थे. विधु विनोद चोपड़ा ने इस रिस्क को उठाते हुए कहा कि फिल्म नहीं चली तो उनका घर तक बिक जाएगा. हालांकि फिल्म को मोहब्बतें जैसी बड़ी हिट से टक्कर मिली. लेकिन मिशन कश्मीर विधु विनोद चोपड़ा के करियर की सबसे बड़ी सफलता बनी.