जब कल्याणजी-आनंदजी के पास आया अनोखा सिंगर, गाया फिल्म दाता का यह मजेदार गाना, किस्सा सुनकर आ जाएगी हंसी

Daata Songs: फिल्म दाता के लिए कल्याणजी-आनंदजी ने नए गायक को चुना था. लेकिन, फिर जो हुआ उसे सुन आप भी हंसने लगेंगे. यह किस्सा यादगार भी है और मज़ेदार भी रहा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Bollywood Gold: दाता के गाने बेहद सुपरहिट थे.
istock

Song Facts: कल्याणजी-आनंदजी, भाइयों की वो जोड़ी जिसके नाम बॉलीवुड के अनेक सदाबहार गाने हैं. प्यार की पहली पुरवाई से लेकर दिल टूटने के दर्द को और शादी की शहनाई से लेकर बिदाई के गम को भी कल्याण-आनंदजी के गाने बयां करते हैं. इस जोड़ी के गाने तो खास होते ही हैं लेकिन इनके गानों से जुड़े किस्सों की बात ही कुछ और है. यहां फिल्म दाता (Daata) के ऐसे ही एक गाने का ज़िक्र किया जा रहा है जिसकी बैकस्टोरी सुनकर आप भी हंस पड़ेंगे. 

Anand Bakshi ने स्कूल की इस कहानी को पढ़कर लिखा 'मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए' गाना

फिल्म दाता ने साल 1989 में बड़े परदे पर दस्तक दी थी. इस फिल्म को सुल्तान अहमद ने डायरेक्ट किया था और मुख्य भूमिकाओं में मिथुन चक्रबर्ती (Mithun Chakraborty), पद्मिनी कोल्हापुरे और शम्मी कपूर नजर आए थे. संगीत दिया था भाइयों की जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी ने. कल्याणजी और आनंदजी के लिए यह वो दौर था जब वे नए सितारों को मौका देते थे. चाहे सिंगर्स हों या फिर एक्टर, नई प्रतिभाओं को आगे लाने का श्रेय आनंदजी और कल्याणजी को जाता है. और इसी तरह एक नए गायक को उन्होंने फिल्म दाता के इस गाने के लिए चुना था. 

फिल्म सरस्वतीचंद्र के इस गाने को गाने पर क्यों उठे थे मुकेश की आवाज़ पर सवाल, आनंदजी भी हो गए थे हैरान

फिल्म दाता के नाच मेरा लाला गाने से बेहद मज़ेदार किस्सा जुड़ा हुआ है. असल में हुआ यह था कि कल्याणजी-आनंदजी (Kalyanji-Anandji) के पास राजस्थान के एक गायक आए थे. इन गायक का नाम था पूरन सिंह. जब पूरन सिंह आए तो उनकी आवाज की तारीफ हुई क्योंकि वे बहुत अच्छा गाते थे. तो कल्याणजी-आनंदजी ने उन्हें एक गाना दिया जो कव्वाली जैसा था और कहा कि यह गाना लिख लो. पूरन सिंह (Pooran Singh) ने कहा कि मुझे लिखना तो आता नहीं है. तो साथ के ही दूसरे व्यक्ति से कहा गया कि कागज़ पर लिखकर दे दें. पूरन सिंह से पूछा गया कि कौनसी भाषा में लिखकर दें तो उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा में लिखकर दे दो. आनंदजी ने लिखकर दिया तो कहा कि ये लो पढ़ो. तो पूरन सिंह ने कहा कि पढ़ना भी नहीं आता. इसपर उनसे पूछा गया कि आपने यह क्यों कहा कि किसी भी भाषा में लिखकर दे दो, तो उन्होंने कहा कि मेरी बात तो आपने पूरी सुनी ही नहीं. मैं बोल रहा था, कि किसी भी भाषा में लिख कर दे दो मुझे तो पढ़ना आता ही नहीं. 

इसके बाद कल्याणजी आनंदजी ने सोचा अब क्या करें. तो उन्होंने नाच मेरा लाला गाना उन्हें रिकॉर्ड करके दिया और याद करवाया. अब गाने में कहां रुकना है और कहां नहीं यह सब उन्हें सिखाया गया. इस गाने को पूरन सिंह के साथ-साथ नलिन दवे और सपना मुखर्जी ने अपनी आवाज़ दी थी और इस तरह रिकॉर्ड हुआ था फिल्म दाता का यह गाना. 

Film दाता के इस गाने का मज़ेदार किस्सा आपको भी कर देगा लोटपोट | Bollywood Gold

Featured Video Of The Day
Egypt में ही क्यों हुई Gaza Peace Deal? Qatar का पत्ता कैसे कटा? जानें Inside Story! | Israel Hamas
Topics mentioned in this article