नकली पुलिस अफसर बनकर गांव में आया ट्रक ड्राइवर, खत्म कर डाला डाकुओं का राज- पूरी की अनोखी 'प्रतिज्ञा'

नकली पुलिस बनकर यह शख्स आया था गांव, डाकुओं की कर डाली नींद हराम और पूरी की अपनी प्रतिज्ञा.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
जानें अजित सिंह ने कैसे पूरी की अपनी प्रतिज्ञा
नई दिल्ली:

एक शख्स ट्रक चलाता है. अपनी जिंदगी में मस्त है और अपनी जंग लड़ रहा है. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा होता है कि वह एक गांव में पहुंचता है. इस गांव में डाकुओं का अंत था, और ग्रामीण उन्हें देखकर थर-थर कांपते थे. लेकिन इस शख्स के गांव में पहुंचते ही, सब कुछ बदलने लगता है. वह वहां जाकर नकली पुलिस बन जाता है और स्थानीय लोगों को डाकुओं से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करता है. खास यह कि वह पढ़ा लिखा भी नहीं है. इस तरह वह अनोखी लड़ाई लड़ता है. यह घटना 1975 की है, और यह रियल लाइफ नहीं बल्कि रील लाइफ कहानी है. 

यह कहानी है प्रतिज्ञा फिल्म की. प्रतिज्ञा 1975 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस एक्शन कॉमेडी को दुलाल गुहा ने डायरेक्ट किया था. इसका संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया था और लिरिक्स आनंद बख्शी ने लिखी थीं. फिल्म में धर्मेंद्र के अलावा हेमा मालिनी, अजीत, जगदीप, मुकरी, मेहर मित्त, केशटो मुखर्जी और जॉनी वॉकर जैसे कलाकार थे. फिल्म की कहानी धर्मेंद्र अपने माता-पिता के कत्ल लेने की थी. फिल्म में धर्मेंद्र ने एक्शन के साथ ही कॉमडी भी जमकर की थी. फिल्म का गाना 'मैं जट्ट यमला पगला दीवाना' सुपरहिट रहा. देओल फैमिली ने इसी गाने पर आधारित टाइटल पर फिल्म भी बनाई. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Elections: AAP कार्यकर्ताओं पर हमलों को लेकर Arvind Kejriwal की मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी