बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियां ऐसी आईं जिन्होंने फिल्म जगत में काफी मेहनत की, लेकिन एक भी सफल फिल्म नहीं मिली. आखिरकार वे हार मानकर इस चकाचौंध वाली दुनिया से दूर हो गईं. ज्यादातर ऐसी अभिनेत्रियों के नाम पर सिर्फ तीन-चार फिल्में ही जुड़ी होती हैं.आज हम आपको एक ऐसी ही अभिनेत्री की कहानी बता रहे हैं, जिनके नाम पर केवल छह फिल्में हैं. लेकिन फर्क यह है कि इनकी हर फिल्म सुपरहिट साबित हुई. इस अभिनेत्री ने केवल उन फिल्मों में काम किया जहां उनके पति मुख्य भूमिका में थे. दोनों की जोड़ी असल जिंदगी और परदे पर दोनों जगह कमाल की रही.
हम बात कर रहे हैं मोना की, जो फिल्मों में कल्पना कार्तिक के नाम से मशहूर हुईं. मोना नाम शायद आपको कम पता हो, क्योंकि उन्होंने कल्पना कार्तिक नाम से अपनी अलग पहचान बनाई. कल्पना एक ईसाई परिवार से आती थीं. फिल्मों में कदम रखने से पहले वे मिस शिमला प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी थीं.
इसी दौरान निर्देशक चेतन आनंद की नजर उन पर पड़ी. रिश्ते में कल्पना, चेतन आनंद की पत्नी की चचेरी बहन भी लगती थीं. प्रतियोगिता देखने के बाद चेतन ने उन्हें फिल्म का प्रस्ताव दिया. इसके बाद कल्पना का फिल्मी करियर शुरू हो गया.
कल्पना कार्तिक की पहली फिल्म 'बाजी' थी. इसमें उन्होंने डॉक्टर रजनी का रोल किया और दर्शकों का दिल जीत लिया. इस फिल्म में वे देव आनंद के साथ नजर आईं. शूटिंग के समय ही देव आनंद और कल्पना एक-दूसरे के करीब आए.
दोनों ने साथ में 'आंधियां', 'हमसफर', 'टैक्सी ड्राइवर', 'हाउस नंबर 44' और 'नौ दो ग्यारह' जैसी फिल्में भी कीं. 'टैक्सी ड्राइवर' की शूटिंग के दौरान ही दोनों ने चुपके से शादी कर ली. उसके बाद कल्पना ने अभिनय छोड़ दिया. उनकी ये छह फिल्में सभी हिट रहीं. बाद में उन्होंने छह फिल्मों का निर्माण भी किया.