1970 का दशक, जब बॉलीवुड में कुछ फिल्में इतिहास रच देती थीं. ऐसी ही एक फिल्म थी, जिसे कई बड़े सितारों ने ठुकरा दिया था, लेकिन अमिताभ बच्चन ने इसे अपनाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया. इस फिल्म को ठुकराने वालों में देव आनंद और जीतेंद्र जैसे कई बड़े कलाकार शामिल थे. इस फिल्म का नाम ‘डॉन' है. इस फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि एक डूबते प्रोड्यूसर को कर्ज के बोझ से भी उबारा. उस दौर में प्रोड्यूसर नरीमन ईरानी भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. उनकी फिल्म ‘जिंदगी जिंदगी' बुरी तरह फ्लॉप हो गई थी, जिसमें सुनील दत्त मुख्य किरदार में थे.
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इस असफलता ने नरीमन पर 12 लाख रुपये का कर्ज लाद दिया, जो उस समय बहुत बड़ी रकम थी. कर्ज चुकाने के लिए उन्हें सलाह मिली कि एक नई फिल्म बनाएं. इस सुझाव पर उन्होंने नई कहानी की खोज शुरू की. सलीम-जावेद की लिखी स्क्रिप्ट ‘डॉन' कई बड़े सितारों जैसे जीतेंद्र और देव आनंद के पास गई, लेकिन सभी ने इसे साधारण कहकर नकार दिया. लेखकों ने भी इस कहानी से उम्मीद छोड़ दी थी. फिर नरीमन और डायरेक्टर चंद्रा बारोट ने इस स्क्रिप्ट को चुना और अमिताभ बच्चन को मुख्य भूमिका के लिए साइन किया. अमिताभ ने बिना देर किए हामी भर दी.
1978 में रिलीज हुई ‘डॉन' में अमिताभ बच्चन ने गैंगस्टर और उसके हमशक्ल की दोहरी भूमिका निभाई. जीनत अमान और प्राण जैसे सितारों के साथ बनी इस फिल्म ने शानदार कहानी और दमदार डायलॉग्स से बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया. 70 लाख के बजट में बनी यह फिल्म सात करोड़ रुपये कमाकर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. इसने नरीमन को कर्ज से मुक्ति दिलाई और अमिताभ को ‘एंग्री यंग मैन' का दर्जा देकर उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. बाद में शाहरुख खान ने इसका रीमेक बनाया, जिसे भी खूब पसंद किया गया.