‘हक’ पर कोर्ट ने सुनाया फैसला, अब कोई नहीं रोक पाएगा इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हक फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है. यामी गौतम धर और इमरान हाशमी अभिनीत यह फिल्म सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले मोहम्मद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम मामले से प्रेरित है.

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‘हक’ पर कोर्ट ने सुनाया फैसला, अब कोई नहीं रोक पाएगा इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म
नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हक फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है. यामी गौतम धर और इमरान हाशमी अभिनीत यह फिल्म सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले मोहम्मद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम मामले से प्रेरित है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण देने के पक्ष में फैसला सुनाया था. यह याचिका शाह बानो बेगम की बेटी सिद्दीका बेगम खान द्वारा दायर की गई थी. उन्होंने दावा किया था कि फिल्म निर्माताओं ने शाह बानो के परिवार या उत्तराधिकारियों की अनुमति लिए बिना इस तरह की फिल्म नहीं बना सकते थे और उन्होंने अपनी मां की “प्रतिष्ठा संबंधी अधिकार” विरासत में प्राप्त किए हैं.

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इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने इन तर्कों को खारिज करते हुए कहा, “किसी व्यक्ति को अपने जीवनकाल में प्राप्त हुई निजता या प्रतिष्ठा उसकी मृत्यु के बाद समाप्त हो जाती है. इसे चल या अचल संपत्ति की तरह विरासत में नहीं लिया जा सकता.” अदालत ने फिल्म निर्माताओं के इस तर्क को भी स्वीकार किया कि हक एक “प्रेरित” फिल्म है. यह एक काल्पनिक कहानी है और फिल्म में यह बात डिस्क्लेमर के माध्यम से स्पष्ट की गई है.

“जब फिल्म में स्वयं यह बताया गया है कि यह एक नाट्य रूपांतरण, कल्पना पर आधारित और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रेरित है, तो इसे मनगढ़ंत नहीं कहा जा सकता. ऐसी प्रेरित और काल्पनिक रचनाओं में रचनात्मक छूट दी जाती है, और इसे सनसनीखेज या गलत चित्रण नहीं माना जा सकता,” अदालत ने कहा. अंतिम निर्णय में अदालत ने यह भी कहा कि यह फिल्म मुख्य रूप से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध न्यायालय के रिकॉर्ड से प्रेरित है.

“एक बार जब कोई मामला सार्वजनिक रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाता है, तो निजता का अधिकार समाप्त हो जाता है और वह मीडिया तथा प्रेस द्वारा टिप्पणी का वैध विषय बन जाता है. वर्तमान मामले में भी यही स्थिति है,” कोर्ट ने कहा. इसके अलावा, अदालत ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता के पास केंद्रीय सरकार के पास जाकर फिल्म के सेंसर प्रमाणपत्र को निरस्त या निलंबित करवाने का वैकल्पिक उपाय था, बजाय सीधे अदालत आने के.

इन्सोम्निया फिल्म्स (प्रोड्यूसर) की ओर से अधिवक्ता एच.वाई. मेहता, चिन्मय मेहता और चंद्रजीत दास (परीनाम लॉ एसोसिएट्स द्वारा निर्देशित) ने पैरवी की. जंगली पिक्चर्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बगड़िया, अधिवक्ता ऋतिक गुप्ता और जस्मीत कौर (आनंद नाइक एंड कंपनी द्वारा निर्देशित) ने प्रतिनिधित्व किया. सुपर्ण वर्मा द्वारा निर्देशित हक में इमरान हाशमी और यामी गौतम धर मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म में नवोदित अभिनेत्री वर्तिका सिंह, शीबा चड्ढा, डैनिश हुसैन और असीम हत्तंगडी जैसे सशक्त कलाकार भी नजर आएंगे. यह फिल्म यूनिफॉर्म सिविल कोड, टरिपल तलाक और कानून के समक्ष लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण विषयों की पड़ताल करती है. रेशु नाथ द्वारा लिखित और जंगली पिक्चर्स, इन्सोम्निया फिल्म्स तथा बावेजा स्टूडियोज के संयुक्त निर्माण में बनी यह फिल्म 7 नवंबर 2025 को विश्वभर में रिलीज़ होगी.
 

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