हुनर किसी सरहद का मोहताज नहीं होता. ये कहा जरूर जाता है. लेकिन सच ये है कि अगर हुनर चार दिवारी में सिमटा रह जाए तो किसी की नजर में भी नहीं आता. हर फनकार के फन को परवाज की दरकार होती है. अमित धुर्वे भी ऐसे ही कलाकारों में से एक है. कभी महेश्वर की गलियों में बैठकर मां नर्मदा के भजन गाने वाले अमित धुर्वे ने शायद खुद भी नहीं सोचा था कि एक दिन उनकी आवाज सात समंदर पार तक जाएगी और फिर खुद टी सीरीज जैसी नामी कंपनी उनके लिए मौका बन कर आएगी. एक दिन एक फोन कॉल आया और उनकी तकदीर बदल गई. ये फोन कॉल था बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का.
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बागेश्वर धाम का मंच बना किस्मत बदलने का जरिया
एक सिंपल सा लड़का, जो अपनी रूह से गाता था. आज सोशल मीडिया पर वायरल सेंसेशन बन चुका है. बागेश्वर धाम के मंच से गाई उनकी गजल ने उन्हें रातों रात मशहूर कर दिया. अमित धुर्वे मध्यप्रदेश के महेश्वर के रहने वाले हैं और आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. बचपन से ही उन्हें संगीत का शौक था और वो अक्सर मां नर्मदा की भक्ति में गीत गाते थे. लेकिन असली मौका उन्हें तब मिला जब धीरेंद्र शास्त्री ने बागेश्वर धाम के कार्यक्रम में उन्हें मंच दिया. अमित ने वहां एक ग़ज़ल गाई, और उनकी आवाज ने सबका दिल जीत लिया. वो वीडियो इंटरनेट पर आग की तरह फैल गया. अमित ने इस बारे में कहा भी कि धीरेंद्र शास्त्री का एक फोन कॉल उनकी जिंदगी बदल गया. उन्होंने बस दिल से गाया और उन्हें उसका फल मिला.
अब विदेशों तक गूंज रही है अमित की आवाज
वायरल होने के बाद अमित के पास अब देश विदेश से ऑफर आने लगे हैं. कनाडा में परफॉर्मेंस का निमंत्रण मिला है और टी सीरीज ने भी उनके साथ काम करने की इच्छा जताई है. उनके नर्मदा भक्ति गीत अब यूट्यूब और सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज पा रहे हैं. अमित कहते हैं कि वो अब भी वही हैं. जमीन से जुड़े, मां नर्मदा के भक्त. बस अब उनकी आवाज और दुआएं थोड़ी दूर तक पहुंचने लगी हैं.