मित्रता अनुकूलता

अगस्त 23-सितम्बर 22

कन्या मित्र

कन्या राशि के जातक अंधेरे में जलते हुए दीए के समान हैं, जो अपने मित्रों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। आपकी जरूरत चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो, ये आपकी मदद के लिए दौड़े चले आएंगे। ये आपकी विपत्ति के समय हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे। हो सकता है आप इनकी बहुत ज्यादा दखलंदाजी से परेशान हो जाएं, पर इसे आप अनदेखा कर दीजिए, क्योंकि ये आपका कभी बुरा नहीं चाहेंगे।


कन्या तथा मेष

गणेशजी को यह युति बहुत अच्छी नहीं लगती। दोनों मित्रों में मामूली बातों पर मतभेद होगा। इसलिए इन संबंधों को आगे बढ़ने से रोकना ही श्रेष्ठ उपाय है।


कन्या तथा वृषभ

एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध हो सकते हैं। गणेशजी का मानना है कि वे बहुत अच्छे मित्र बन सकते हैं और उनके बीच व्यावहारिक बातचीत अच्छी तरह और आसानी से होगी। दोनों व्यक्ति एक जैसे विचार और दृष्टिकोणवाले हैं तथा समस्याओं का निराकरण भी साथ मिलकर करने का प्रयास करेंगे ।


कन्या तथा मिथुन

दोनों राशियाँ बुद्धिमान, प्रतिस्पर्धी, सृजनात्मक और गर्विष्ठ हैं। ऐसी परिस्थिति में इन संबंधों के विषय में पहले से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। सामनेवाला व्यक्ति कब कैसा वर्ताव करेगा इसका अंदाज नहीं लग पाता। दोनों मित्रों के बीच अहं का टकराव और अनावश्यक तार्किक दलीलों की संभावना होती है। दोनों राशियों पर बुध का वर्चस्व होने से गणेशजी उनके बीच मित्रता की सलाह नहीं देते।


कन्या तथा कर्क

प्रेम अंधा होता है, यह उक्ति यहां लागू पड़ सकती है, क्योंकि इन दोनों के बीच प्रेम या मैत्रीपूर्ण संबंध बिना सोचे- समझे स्थापित होते हैं और बाद में वे आंख खोलनेवाले एवं वास्तविकता सामने लानेवाले होते हैं। समस्याओं का निराकरण करना हो, तब दोनों को ऐसा लगता है, कि एक-दूसरे को बचाने में बहुत प्रयास करना पड़ता है। इसके लिए दोनों को मेहनत करनी होगी और ऐसी संभावना है कि इनमें से एक मित्र बीच में ही दूसरे मित्र को छोड़कर चला जाएगा। अतः गणेशजी इन संबंधों को कामचलाऊ मानकर उसे टालने की सलाह देते है।


कन्या तथा सिंह

गणेशजी की दृष्टि से इन राशियों में मेल होना कठिन अथवा असंभव है। दोनों व्यक्तियों की प्रकृति बिलकुल भिन्न है और उनके बीच मेल कराना कठिन है। अत्यधिक टिका-टिप्पणी और ऊंची अपेक्षाएं संबंधों को बिगाड़ती हैं। अतः गणेशजी इस मैत्री की सलाह नहीं देते।


कन्या तथा कन्या

दोनों मित्रों की रुचि एक समान होने से उनके बीच मैत्री बहुत अच्छा रंग लाती है। दोनों बुद्धिमान होते हैं, दोनों को पठन या बाहर सिनेमा देखने के लिए साथ जाने का शौक होता है। आपसी ज्ञान का आदान-प्रदान और उसके संबंध में स्वस्थ चर्चा करना भी उन्हें अच्छा लगता है। दोनों मैत्रीभाव से साथ रहते हैं और उनका मित्र मंडल भी बड़ा होता है। ये दोनों साथ मिलकर बहुत अच्छी तरह जीवन का आनंद ले सकते हैं। अतः गणेशजी इस मैत्री के लिए आगे बढ़ने की सलाह देते हैं।


कन्या तथा तुला

कन्या जातक मुक्त और खुले मन के होते हैं, जबकि तुला जातक पजेसिव और जीवन के प्रति थोड़ा अलग अभिगमवाले होने के कारण इन राशियों के बीच का मेल विचित्र होता है। उनके बीच बहुत मतभेद उत्पन्न होते हैं। गणेशजी इन राशियों के बीच मैत्री की सलाह नहीं देते।


कन्या तथा वृश्चिक

गणेशजी का कहना है कि ये दोनों मित्र एक दूसरे को अच्छे मूड में रखने का प्रयास करेंगे और मैत्री संबंध विकसित करने के लिए साथ मिलकर मौज-मस्ती या सामाजिक प्रसंगों में भाग लेंगे। एक-दूसरे के साथ खुले मन से और स्वतंत्र रहेंगे। परस्पर प्रशंसा करेंगे और साथ में सुखपूर्वक समय बिताएंगे। गणेशजी को लगता है कि यह मेल टिक सकेगा।


कन्या तथा धनु

इन दो राशि वालों के बीच अच्छा मेल नहीं रहेगा। कन्या राशि वालों को धनु राशि वाले अपने अभिगम में विशेष रूप से चर्चाओं में बहुत अलग रखते हैं। कन्या राशि वाले मुख्य मुद्दों के बारे में ही बात करेंगे, जबकि धनु राशि वालों को प्रत्येक मामले में बहुत गहराई में छानबीन करने की आदत होती है। ये अलग-अलग अभिगम एक-दूसरे को संतुलन में रख सकते हैं। एक-दूसरे के साथ कभी-कभी झगड़े होते हैं। गणेशजी को ऐसा लगता है कि दोनों के आनंदपूर्वक साथ रहने की संभावनाओं के होने पर भी तकरार की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। अतः इन संबंधों में बहुत गहरे उतरना उचित नहीं है।


कन्या तथा मकर

दोनों मित्र एक साथ खूब आनंदपूर्वक समय व्यतीत करेंगे। संबंध खूब संतुलित और पारस्परिक समझदारीपूर्वक रहेंगे। दोनों व्यक्ति अपने ध्येय पर अच्छी तरह अपना ध्यान केंद्रित करेंगे और सामान्य रूप से आर्थिक सुरक्षा और समृद्धि के लिए परिश्रम करेंगे। गणेशजी इन मैत्री संबंधों पर मंजूरी की मुहर लगाते हैं।


कन्या तथा कुंभ

गणेशजी बताते हैं कि यह राशिमेल सामान्य होगा। यदि आप संबंधों में वास्तव में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो दोनों तरफ पारस्परिक आदरभाव बनाए रखना आवश्यक है। आप दोनों के स्वभाव और मिजाज में भी बहुत अंतर होगा। कन्या जातक अधिक सावधान और फिक्र रखनेवाले तथा सावधानीपूर्वक चलनेवाले होते हैं, जबकि कुंभ जातकों की हरेक वस्तु को प्रायोगिक स्तर पर परीक्षण करने की मानसिकता होती है, इस कारण दोनों व्यक्तियों के बीच दैनिक जीवन में संघर्ष और अशांति निर्मित होने की संभावना रहती है। इसलिए गणेशजी इन संबंधों में आगे न बढ़ने की सलाह देते हैं।


कन्या तथा मीन

इन दोनों राशि वाले मित्रों के बीच बहुत अच्छे मैत्रीपूर्ण संबंध रहेंगे और उसके टिकने की बहुत अधिक संभावना है। दोनों मित्र एक दूसरे की रुचि का अच्छी तरह ध्यान रखेंगे। दोनों बुद्धिमान होते हैं, ऐसे में उन्हें साथ में काम करने में मजा आएगा। अधिक पॉजिटीव गुणवत्तावाली इस मैत्री में मित्र एक-दूसरे को खुश रखने और जीवन को कम गंभीरता से लेने में मदद करेंगे। गणेशजी इस संबंध को ग्रीन सिग्नल देते हैं।

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