मित्रता अनुकूलता

अक्टूबर 23-नवम्बर 21

वृश्चिक मित्र

वृश्चिक राशि वाले लोग रहस्यमय रहते हैं। ये या तो दोस्ती करते हैं या दुश्मनी करते हैं। ये अपनी प्रशंसा कभी नहीं भूलते हैं। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप इनके साथ कभी भी बुरा बर्ताव न करें, क्योंकि ये कभी भी चोट या अपमान भूलते नहीं हैं। आप इनके विचारों को कभी समझ नहीं पाएंगे। यदि आपका वृश्चिक राशि वाले के मित्र हैं, तो आपको आश्चर्यचकित होने के बहुत से मौके मिलेंगे।


वृश्चिक तथा मेष

इन राशि के मित्रों के बीच कभी-कभी झगड़े होंगे, परंतु एक दूसरे की भावनाओं से परस्पर खींचे हुए रहते हैं। एक साथ बाहर जाने पर वे खूब मस्ती करेंगे, परंतु यदि आवेश में आएं तो उनके संबंध खतरे में भी पड़ सकते हैं। अतः गणेशजी की सलाह है कि उन्हें मित्रता में आगे नहीं बढ़ना चाहिए। (संबंधों में आत्मीयता होगी परंतु समझदारी का अभाव होगा । )


वृश्चिक तथा वृषभ

इन दोनों राशि के मित्रों के व्यक्तित्व में कई सारे मूल मतभेद होने के बावजूद वे एक-दूसरे के प्रति आकर्षण का अनुभव करेंगे। उनके संबंधों के आसानी से प्रेम और तिरस्कार के संबंध बन जाने की भी संभावना है। इन सबके बावजूद विरुद्ध शक्तियों के बीच हमेशा आकर्षण होता है। इसे देखते हुए ये दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो सकते हैं।


वृश्चिक तथा मिथुन

दोनों राशि वालों को अपनी आपसी बातचीत पर व्यवहार में आनेवाले अवरोधों को दूर करना होगा। हालांकिं ऐसा करना कठिन है, परंतु आपको मैत्री संबंधों की घनिष्ठता की अन्य बातों को स्वीकार करके ऐसे प्रयत्न करना उचित होगा। आप और आपके जोड़ीदार को बाधक बननेवाली मुख्य समस्याएं दैनिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह और एक-दूसरे के समय के साथ अनुकूलता स्थापित करने की उदासीनता या इनकार हो सकती है। दोनों व्यक्ति अपने विचार एक-दूसरे पर लादने की कोशिश करेंगे। इससे समस्याएं लंबे समय तक उलझी रहेंगी। गणेशजी को यह राशिमेल मैत्री के लिए उचित नहीं लगता।


वृश्चिक तथा कर्क

इन दो राशि वाले लोगों के बीच मैत्री संबंध अच्छी तरह विकसित होने की संभावना गणेशजी देख रहे हैं। दोनों के विचारों में समानता और एकरूपता होगी और दोनों व्यक्ति एक-दूसरे की सीमाओं को समझने तथा स्वीकार करने के लिए तैयार होंगे। दोनों व्यक्ति परस्पर समाधान का मार्ग अपनाएंगे। दोनों पक्षों को अत्यधिक सहनशक्ति रखनी पड़ेगी, परंतु उनकी मैत्री टिकी रहेगी।


वृश्चिक तथा सिंह

गणेशजी का मानना है कि यह संबंध बहुत घनिष्ठ हो सकता है, परंतु दोनों मित्रों को कभी भी ऐसा नहीं लगता कि वे एक स्थिर जमीन पर खड़े हैं। इस कारण वे उत्तेजना और बेचैनी का अनुभव होगा। हालांकि, यह व्यक्तिगत स्वभाव पर भी आधारित रहेगा। गणेशजी का कहना है कि यदि इस संबंध में आगे बढ़ना हो, तो अधिक सावधानी रखें और संभव हो तो मैत्री को आगे बढ़ाने से टालें।


वृश्चिक तथा कन्या

गणेशजी का कहना है कि ये दोनों मित्र एक दूसरे को अच्छे मूड में रखने का प्रयास करेंगे और मैत्री संबंध विकसित करने के लिए साथ मिलकर मनोविनोद, मौज-मस्ती या सामाजिक प्रसंगों में भाग लेंगे। एक-दूसरे के साथ खुले मन से और स्वतंत्र रहेंगे। एक-दूसरे की प्रशंसा करेंगे और साथ में सुखपूर्वक समय बिताएंगे। गणेशजी को लगता है कि यह मेल टिक सकेगा।


वृश्चिक तथा तुला

तुला राशि वालों की अपेक्षा वृश्चिक राशि वाले भावनात्मक घनिष्ठता का अधिक अच्छा प्रतिभाव देंगे। तुला राशि वाले भी ठंडा या अलिप्त व्यक्ति नहीं होते हैं, इस कारण वृश्चिक राशि वालों की भावनाएं उसकी तरफ अधिक प्रगाढ़ बनती हैं। तुला जातक संतुलित, बुद्धि से विचार करनेवाले और व्यावहारिक अभिगमवाले हैं, जबकि वृश्चिक राशि जड़ तत्व की होने के कारण उनके प्रेम में उत्कटता अधिक होती है।वे बुद्धि से नहीं बल्कि दिल से विचार करते हैं, जिसके कारण दोनों राशियों के मित्रों के बीच संघर्ष की संभावना रहती है। अतः गणेशजी संबंधों में आगे न बढ़ने की सलाह देते हैं।


वृश्चिक तथा वृश्चिक

इन संबंधों में नवीनता आती रहेगी। इन मैत्री संबंधों का नकारात्मक पक्ष यह है कि दोनों व्यक्ति जब साथ हों, तब स्थिरता का अनुभव नहीं कर सकते, जिसके कारण उन्हें प्रतिकूलता और अस्वस्थता का एहसास होता रहता है। अतः गणेशजी इस राशिमेल को मैत्री के लिए बहुत चिरंजीवी नहीं मानते।


वृश्चिक तथा धनु

दोनों मित्रों के बीच बहुत-सी बातों में भिन्नता होती है। धनु जातक को समाज में मिलना- जुलना पसंद आता है, जबकि वृश्चिक जातकों को बड़े समुदाय में बेचैनी का अनुभव होता है और वे किसी भी व्यक्ति के साथ अधिक निकटता और प्रगाढ़ संबंध रखना पसंद करते हैं तथा एकांत अधिक पसंद करते हैं। जीवन के प्रति बहुत अलग-अलग दृष्टिकोण के कारण दोनों मित्रों के बीच तकरार अथवा असहमति होने की संभावना होने के कारण गणेशजी इन मैत्री संबंधों में न पड़ने की सलाह देते हैं।


वृश्चिक तथा मकर

इन दोनों राशियों के बीच मध्यम मेल रहेगा। साथ ही काम करने के लिए दोनों खुशी से तैयार होते हैं। मकर राशि वाले कार्य में लीन रहनेवाले और उदासीन वृत्ति के होते हैं, जबकि वृश्चिक राशि वाले ऐसे नहीं होते। वृश्चिक राशि के लोग किसी भी वस्तु के साथ बहुत तेजी से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते है, परंतु मकर राशि वाले शायद इस प्रकार जुड़ना नहीं चाहते। इसलिए इस संबंध के विकसित होने के दौरान दोनों व्यक्तियों के बीच समझदारी विकसित न हो, तो झगड़ा होने की संभावना रहती है। अतः गणेशजी दोनों व्यक्तियों को अधिक सावधान रहने और देखभाल करने की सलाह देते हैं।


वृश्चिक तथा कुंभ

इन मित्रों को अक्सर ऐसा लगता है कि उनके बीच एक ऐसा अंतर है, जिसे दूर करना कठिन है। इस संबंध में उष्मा, सुरक्षा और स्वतंत्रता का आभाव होने की संभावना है। दोनों मित्र एक दूसरे की मांगों को संतुष्ट करने में असमर्थ होते हैं, इसलिए गणेशजी इस संबंध को सौहार्द्रपूर्ण नहीं मानते।


वृश्चिक तथा मीन

अक्खड़ स्वभाववाले और समझदार मीन जातक को वृश्चिक जातक मृदु स्वभाव वाले, अत्यधिक भावना प्रधान और आंतरिक संघर्षों का सामना करनेवाले लगते हैं। ये एक-दूसरे के प्रति सच्ची भावनाओं को छिपाने का प्रयास करते हैं। दोनों के बीच गहरा प्रेम हो सकता है, फिर भी एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या और स्वामित्व की भावनाएं बलवती होने के कारण दोनों के बीच के संबंध तनावपूर्ण रहेंगे। गणेशजी इन संबंधों को आगे बढ़ाने की सलाह देते हैं।

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