मित्रता अनुकूलता
मीन मित्र
मीन राशिचक्र का परिवर्तनशील चिह्न हैं। ये अपने दोस्तों से भावनात्मक रुप से जुड़े रहते हैं। कभी-कभी ये अपनी दुनियां में भी खोए रहते हैं। ये ऐसे दोस्त पसंद करते हैं, जो मददगार और विश्वसनीय हो। इन्हें कलात्मक कार्य करना पसंद आता है। यही नहीं ये रहस्यमय और कल्पनाशीलता वाला कार्य करना भी पसंद करते हैं। ये बहुत ही अच्छे मित्र साबित होते हैं।
मीन तथा मेष
दोनों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध होंगे, परंतु उनमें अधिक गहराई नहीं होती। बारंबार लड़ाई-झगड़े और मतभेद होने की संभावना रहती है। गणेशजी दोनों को झगड़े से दूर रहने की सलाह देते हैं।
मीन तथा वृषभ
गणेशजी को ऐसा लगता है कि मैत्री न तोड़ने का दृढ़ संकल्प हो, तभी उनके संबंध सफल रहते हैं। दोनों की एक ध्येय या विचार में सहभागी होने की तैयारी हो, तो उनकी मैत्री अच्छी तरह टिक सकती है। मैत्री संबंधों को सफल बनाने के लिए दोनों को अपने-अपने ढंग से सक्रिय रहने की आवश्यकता होती है।
मीन तथा मिथुन
दोनों मित्रों को आदर्श साथी की तलाश होती है। इन संबंधों में मजबूत रोमांटिक शक्तियां काम करती हैं। परंतु आपका साथी आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप होने की बजाय पूरी तरह से विपरीत गुणवाला हो, तब समस्या खड़ी होती है। जब आप अपने मित्र पर अपनी इच्छाओं के अनुसार चलने के लिए दबाव डालते हैं, तब झगड़ा होने की संभावना रहती है। अतः लंबी अवधि और एक-दूसरे की मैत्री के लिए गणेशजी इसे योग्य नहीं मानते।
मीन तथा कर्क
दोनों व्यक्तियों की राशियां भावना प्रधान होती है। इस कारण ये संबंध काफी जीवंत और उत्साहवर्द्धक होते हैं, परंतु उत्तरदायित्वों को बांटने की बात आने पर दोनों उससे दूर रहते हैं। उत्तयदायित्व और दैनिक प्रवृत्तियां इस संबंध में आयोजनविहीन होती हैं। फिर भी एक-दूसरे का समर्थन करने और परस्पर जुड़े होने के कारण इन दो राशियों के बीच की मैत्री लंबे समय तक टिके रहने की अधिक संभावना दिख रही है।
मीन तथा सिंह
दोनों मित्र एक ही प्रोजेक्ट पर बौद्धिक स्तर पर बहुत अच्छी तरह सहयोगपूर्ण काम कर सकते हैं, फिर भी व्यक्तिगत संबंध के लिए यह राशिमेल अच्छा नहीं है। कभी-कभी उनके बीच होनेवाले अहं के टकराव के कारण पारस्परिक भावनाओं को ठेस पहुंचती रहती है। गणेशजी इस मैत्री को बहुत आगे बढ़ाने के लिए योग्य नहीं मानते।
मीन तथा कन्या
इन दोनों राशियों के मित्रों के बीच बहुत अच्छे मैत्रीपूर्ण संबंध रहेंगे और उसके टिकने की बहुत अधिक संभावना है। दोनों मित्र एक दूसरे की रुचि का अच्छी तरह ध्यान रखेंगे। दोनों के बुद्धिमान होने के कारण उन्हें साथ में काम करने में मजा आएगा। अधिक पॉजिटीव गुणवत्तावाली इस मैत्री में मित्र एक दूसरे को खुश रखने और जीवन को कम गंभीरता से लेने में मदद करेंगे। गणेशजी इस संबंध को ग्रीन सिग्नल देते हैं।
मीन तथा तुला
तुला राशि वाले मर्यादित दायरे में रहते हुए हरेक मामले में अनुकूलता की खोज में रहते हैं, जबकि मीन जातक सभी जगह पहुंच जाते हैं। मीन राशि वाले अत्यंत भावुक, शारीरिक संवेदनाओं को झेलनेवाले और आंतरिक चेतनायुक्त होते हैं। वहीं तुला राशि वाले उनकी तुलना में कम भावुक और बुद्धिमान होते हैं। इस अंतर को ध्यान में रखते हुए गणेशजी को यह मैत्री संबंध संतोषजनक नहीं लगता।
मीन तथा वृश्चिक
अख्खड़ स्वभाव वाले और समझदार मीन राशि वालों को वृश्चिक राशि वाले मृदु स्वभाववाले, अत्यधिक भावनाप्रधान और आंतरिक संघर्षों का सामना करनेवाले लगते हैं। ये मित्र एक दूसरे के प्रति सच्ची भावनाओं को छिपाने का प्रयास करते हैं। दोनों के बीच गहरा प्रेम हो सकता है फिर भी एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या और स्वामित्व की भावनाएं बलवती होने से दोनों के बीच के संबंध तनावपूर्ण रहेंगे। गणेशजी इन संबंधों को आगे बढ़ाने की सलाह देते हैं।
मीन तथा धनु
दोनों राशियों का अधिपति गुरु होने पर भी दोनों के अभिप्राय और विचार अलग होते हैं। इस मैत्री में अकल्पनीय आश्चर्य और अनिश्चितता होती है। एक-दूसरे के साथ ये कभी भी शांतिपूर्वक और सुरक्षित नहीं रह सकते। एक-दूसरे में उन्हें कोई परिवर्तन नहीं लगता। सतत एक-दूसरे के साथ समाधान करना पड़ता है। इस कारण भी दोनों को अस्वस्थता का अनुभव होता है। ऐसे में इस यह मैत्री संबंध की सलाह नहीं दी जा सकती।
मीन तथा मकर
दोनों मित्र स्वभावतः विरोधी लक्षणवाले हैं। मकर राशि वाले व्यवहारिक और बुद्धिमान होते हैं। वे मांगों और उत्तरदायित्वों के प्रति बहुत प्रभावकारी रूप में व्यवहार करते हैं। दूसरी ओर मीन राशि वाले मकर राशि वालों की अपेक्षा भावना प्रधान, अधिक कल्पनाशील और करुणायुक्त होते हैं। मीन जातक को अंदर से ही ऐसा लगता है कि भौतिकता के अतिरिक्त जीवन में अन्य बहुत कुछ है। मकर जातक व्यवहारिक होने के कारण वास्तविकता में अधिक विश्वास रखते हैं। मीन राशि वाले तुरंत भ्रमित होनेवाले होते हैं, तो मकर राशि वाले शंकाशील होते हैं। स्वभाव की ऐसी विपरीतताओं को देखने पर इन दोनों राशियों के बीच की मैत्री गणेशजी की दृष्टि से उचित नहीं है।
मीन तथा कुंभ
दोनों व्यक्तियों के व्यक्तित्व में भिन्नता होगी। मीन राशि वाले सौम्य, थोड़ा निष्क्रिय और खींचतान या स्पर्द्धा की भावना से रहित होंगे, परंतु कुंभ राशि वाले सक्रिय और स्पर्द्धात्मक स्वभाववाले होंगे। कभी-कभी तुच्छ बातों पर दोनों के बीच असहमति रहेगी। ऐसी स्वभावगत भिन्नता को देखते हुए गणेशजी इन संबंधों को अधिक प्रोत्साहित न करने की सलाह देते हैं।
मीन तथा मीन
दोनों मित्र एक साथ ऊंचाई और गहराई, प्रेम और तिरस्कार, आकर्षण और विमुखता का अनुभव करेंगे। पारस्परिक ध्येय के लिए दोनों पूर्णतः समर्पित एकाकार होंगे, मित्र के लिए अपना बलिदान देने की तैयारीवाले होने पर भी उनका बर्ताव कभी-कभी एकतरफा होने के कारण दोनों के बीच मनमुटाव खड़ा होता है। इसलिए यदि दोनों मित्रता में आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हों, तो ही आगे बढ़ना हितकर है, अन्यथा इस मित्रता का बहुत लंबा भविष्य गणेशजी को दिखाई नहीं देता।
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