मित्रता अनुकूलता

मई 21-जून 20

मिथुन मित्र

मिथुन राशि के लोग अति सामाजिक होते हैं और हमेशा बहुत सारे मित्रों से घिरे रहते हैं। ये बुद्धिमान होते हैं और इनका व्यवहार बहुत हंसी-मजाक वाला होता है, जिससे इनके दोस्त कभी बोर नहीं होते है। इस राशि का चिह्न जुड़वा है, अत: इनके व्यवहार में दोहरापन भी देखा जाता है। यदि ये अभी आपको हंसा रहे हैं तो दूसरे ही समय ये बोरिंग लगने लगते हैं। कुल मिलाकर इनकी दोस्ती रोमांचक और दिलचस्प होती है।


मिथुन तथा मेष

दोनों एक साथ खूब अच्छी तरह समय व्यतीत करते हैं, परंतु दोनों पक्ष अगर अपने क्रोध और चिढ़ को काबू में रखें, तो ही उनकी दोस्ती लंबे समय तक टिक सकती है। संबंधों को टिकाए रखने के लिए दोनों को पारस्परिक व्यवहार में अत्यंत धैर्य से काम लेना होगा।


मिथुन तथा वृषभ

गणेशजी का मानना है कि यह संबंध बहुत आसान और मेल-मिलापवाला नहीं होगा। मैत्री को बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों को बहुत ज्यादा समाधानकारी रहना पड़ेगा। पारस्परिक खुलापन और एक-दूसरे के अभिप्राय तथा विचारों को स्वीकार करने की तैयारी आवश्यक है। नई-नई वस्तुओं का आदान- प्रदान करने की वृत्ति उनकी मैत्री को बनाए रखती है।


मिथुन तथा मिथुन

वैचारिक और बौद्धिक स्तर की साम्यता होने से अच्छी तरह बौद्धिक चर्चाएं कर सकेंगे, और जब तक पारस्परिक लगाव और निष्ठा से जुड़े रहेंगे, तब तक वे एक-दूसरे से संतुष्ट होंगे। ऐसा होने पर भी लंबे समय तक एक जैसा व्यवहार ऊबन पैदा करनेवाली होगी। ऐसे में उन्हें बारंबार परिवर्तन और सरप्राइज की आवश्यकता पड़ेगी। ये संबंध यहां दर्शायी गई कुछ नकारात्मक बातों को छोड़कर टिकाऊ हो सकते हैं।


मिथुन तथा कर्क

इन दो राशियों के बीच अच्छा मेल रहता है। दोनों साथ मिलकर अच्छे और साकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। फिर भी, यदि वे एक-दूसरे के साथ स्पर्धा की भावना रखेंगे, तो उनके बीच मनमुटाव और समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। अगर दोनों खुद पर अनिवार्य रूप से नियंत्रण का अनुभव करें, तो लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ मुक्त वातावरण का आनंद नहीं उठा सकते। अतः गणेशजी इस संबंध में आगे न बढ़ने की सलाह देते हैं।


मिथुन तथा सिंह

मिथुन राशि वाले अत्यंत बुद्धिमान एवं विवेकी होते हैं, जबकि सिंह राशि वाले आनंदी और स्पष्टवादी होते हैं। यदि मिथुन किसी भी मामले में नियंत्रण लगाए तो सिंह जातकों की भावनाओं को चोट पहुंचती है। मिथुन जातक अपनी पसंद-नापसंद तुरंत ही व्यक्त कर देते हैं, जबकि सिंह जातक कभी किसी बात को मन पर लगा बैठते हैं। इस बात की ओर ध्यान देते हुए गणेशजी दोनों को मैत्री संबंध आगे बढ़ाने से पहले अधिक सावधान रहने की चेतावनी देते हैं। यदि दोनों एक-दूसरे की कभी-कभी प्रशंसा करते रहें तो संबंध लंबे समय तक टिक सकता है।


मिथुन तथा कन्या

दोनों राशियां बुद्धिमान, प्रतिस्पर्धी, सृजनात्मक और गर्विष्ठ राशियां हैं। ऐसी परिस्थिति में इन संबंधों के विषय में पहले से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। सामनेवाला व्यक्ति कब कैसा वर्ताव करेगा इसका अंदाज नहीं लग पाता। दोनों के बीच अहं का टकराव और अनावश्यक तार्किक दलीलों की संभावना होती है। दोनों राशियों पर बुध का वर्चस्व होने से गणेशजी उनके बीच मित्रता की सलाह नहीं देते।


मिथुन तथा तुला

सामान्यतः प्रत्येक काम में एक दूसरे के सहायक होते हैं। दोनों साथ मिलकर अच्छी टीम बना सकते हैं। गणेशजी को यह मैत्री संबंध सौहार्द्रपूर्ण एवं टिकाऊ लगता है, परंतु इसका एकमात्र नकारात्मक पक्ष यह है कि तुला जातक अधिक भावनाशील होते हैं, जबकि मिथुन जातक बुद्धिमान, विवेकशील औऱ व्यवहारिक होते हैं। अतः दोनों व्यक्तियों को अपने जोड़ीदार के गुणों की प्रशंसा करना सीखना आवश्यक है।


मिथुन तथा वृश्चिक

दोनों को आपसी बातचीत पर व्यवहार में आनेवाले अवरोधों को दूर करना होगा। हालांकि ऐसा करना कठिन है, परंतु आपको मैत्री संबंधों की घनिष्ठता की अन्य बातों को स्वीकार करके ऐसे प्रयत्न करना उचित होगा। आप और आपके जोड़ीदार को बाधक बननेवाली मुख्य समस्याएं दैनिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह और एक-दूसरे का समय के साथ अनुकूलता स्थापित करने की उदासीनता या इनकार हो सकती है। दोनों व्यक्ति अपने विचार एक-दूसरे पर लादने की कोशिश करेंगे। इससे समस्याएं लंबे समय तक उलझी रहेंगी। गणेशजी को यह राशिमेल मैत्री के लिए उचित नहीं लगती।


मिथुन तथा धनु

दोनों परस्पर विरोधाभाषी होने के कारण प्रत्येक वस्तु को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखते हैं। परंतु जब दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को अपने-अपने अभिप्राय व्यक्त करें, तब वे दोनों एक-दूसरे के लिए लाभकारी हो सकते हैं। सामनेवाला व्यक्ति क्या विचार कर रहा है, उसे सुनने की तैयारी होती है। इससे परस्पर वे कुछ हद तक धैर्यवान और भावुक होते हैं। अतः यह मैत्री गणेशजी की दृष्टि से टिक सकती है।


मिथुन तथा मकर

दोनों के बीच अधिक अंतर होने पर भी इन राशियों के मित्र एक-दूसरे के पूरक बन सकते हैं। दोनों के बीच प्रबल शारीरिक आकर्षण उन्हें एक-दूसरे के साथ मिलाकर रखती है। मिथुन राशि वालों की अनुत्तरदायी और बेफिक्री, मकर जातक को अस्वस्थ कर सकती है, जिससे समस्या खड़ी होती है। यदि आप एक-दूसरे को अच्छी तरह पहचानते हों और संभाल सकते हों तभी आगे बढ़ें।


मिथुन तथा कुंभ

यह संबंध प्रोत्साहक और उत्तेजनापूर्ण हो सकता है, पंरतु इस संबंध में निश्चित रूप से अनुमान नहीं किया जा सकता। दोनों के बीच बहुत अच्छा तालमेल रहेगा। दोनों मित्र बौद्धिक साहचर्य में विश्वास करते हैं। अपने-अपने अभिप्राय की अभिव्यक्ति, सर्वसामान्य रूचि तथा सामाजिक प्रवृत्तियां उनके संबंधों का मुख्य कारण बनती हैं। गणेशजी को इस मैत्री संबंध के अच्छी तरह से आगे बढ़ने की संभावना लगती है।


मिथुन तथा मीन

दोनों मित्रों को आदर्श साथी की तलाश होती है। इन संबंधों में मजबूत रोमांटिक शक्तियां काम करती हैं। परंतु कभी आपका साथी आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप गुणों से बिलकुल विपरीत गुणवाला हो, तब समस्या खड़ी होती है। जब आप अपने मित्र को अपनी इच्छाओं के अनुसार चलने के लिए दबाव डालते हैं, तब झगड़े होने की संभावना रहती है। अतः लंबी अवधि और एक-दूसरे की मैत्री के लिए गणेशजी इसे योग्य नहीं मानते।

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