एक फरवरी को मोदी सरकार अपना अंतिम बजट पेश करेगी. चुनाव से सिर्फ दो महीने पहले आने वाला यह बजट अंतरिम होगा. यानी परंपरा के मुताबिक सरकार इसके जरिए चुनाव होकर नई सरकार बनने तक तीन महीनों के लिए होने वाले खर्च का इंतजाम करेगी. परंपरा यह भी है कि जाती हुई सरकार कोई बड़ा नीतिगत ऐलान इस अंतरिम बजट में नहीं करती है. लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार परंपरा को ताक पर रखकर इस अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट में आने वाले चुनावों के मद्देनजर बड़े ऐलान कर सकती है, ताकि वोटरों को लुभाया जा सके? कुछ ऐसे ऐलान हैं जिनका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. सरकार के भीतर इन्हें लेकर चर्चा भी है.